फेसबुक में फर्जी आईडी वाले साहिल मिर्जा से की चैटिंग, और फंस गई नाबालिग लव जिहाद में। लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करा किया निकाह। पिछले ढाई साल से घर में बंधक बनाकर रखा गया था पीड़ित को।

रोहित सिंह झारखण्ड न्यूज

राँची:राँची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली एक लड़की को बोकारो के रहने वाले मुसद्दर खान जो नाम बदलकर फेसबुक पर साहिल मिर्जा नाम के युवक ने फेसबुक पर चैटिंग कर दोस्ती किया फिर झांसे में लेकर नाबालिग छात्रा को बोकारो बुलाकर जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन कर पहले उससे निकाह किया उसके बाद उसे बोकारो स्थित अपने घर में पिछले ढाई वर्षों से अधिक समय से बंधक बनाकर रखा था और उसे काफी प्रताड़ित भी करता था और उसका शारीरिक और मानसिक शोषण भी इन ढाई वर्षों में किया जाता रहा।इसी दौरान लड़की गर्भवती हुई और उसे एक बच्चा भी हुआ।हालांकि दो दिन पहले लड़की ने मौका मिलते हैं आरोपी युवक के घर से फरार हो गई और दो तीन घण्टे पैदल भागकर किसी तरह बोकारो बस स्टैंड पहुंची और वहाँ से राँची पहुंची।

फेसबुक पर हुई थी दोस्ती:-

स्टेशन से पीड़ित नाबालिग को बाहर ले जाती मुदस्सर की रिश्तेदार

पीड़ित लड़की अनुसार अरगोड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली लड़की का बोकारो के रहने वाले मुसद्दर नाम के युवक से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई थी।इसी दौरान दोनों के बीच बात करने का सिलसिला बढ़ी और लड़के ने लड़की को धोखे से बोकारो बुलाया।बोकारो जब लड़की पहुंची तो बोकारो स्टेशन में युवक नहीं मिला वहां दो महिला मिली लड़की के पास आकर बोली साहिल मिर्जा मेरा भाई है तुम्हे मिलना है तो चलो बगल में है।लड़की उस दोनो युवती के साथ चली गई इसी बीच लड़की का मोबाइल ले लिया और बन्द कर दिया।लड़की को लेकर बोकारो मुदस्सर के घर पहुंच गया।जब लड़की ने मुदस्सर के घर पहुंची तो पीड़ित युवती ने बताई मेने साहिल मिर्जा का फोटो फेसबुक में जो देखें वो नहीं था।युवक ने कहा मैं साहिल नहीं मुदस्सर हूँ अब तुम यही रहेगी।उसके बाद उसके साथ शुरू हो गया घिनोना काम।लड़की ने बताई की मैं खूब रोई गिड़गिड़ाई लेकिन लड़का का पूरा परिवार मुझसे ही मारपीट करने लगा।तीन चार दिन बाद कोई लड़का का घर आया तो बताया मुदस्सर ने एक मुस्लिम लड़की से शादी कर लिया।एक सप्ताह बाद कोई मौलवी आकर जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन कराके निकाह करा दिया।नाम भी बदल दिया और फिर क्या उसके साथ सब कुछ होता रहा जो किसी इंसान के साथ सपने में भी नहीं होता होगा।पीड़ित लड़की ने बताई की एक साल तक घर से झांकने तक नहीं देता था।न किसी से मिलने गर्भवती होने पर भी शारीरिक,मानसिक से पड़ताड़ित करते आ रहा था।उसी बीच कई बार भगाने की कोशिश की लेकिन पकड़ा जाने पर हाथ पैर ,कई जगहों पर दाग दिया जाता था।लड़की ने बताई उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था क्या करें न करें एक सप्ताह निर्णय की अगर मरना ही है तो यहां भी मरेंगे अगर भाग गई तो किस्मत साथ दिया तो इस नरक से बाहर तो निकल जाएंगे।उसने हिम्मत जुटाई और दो दिन पहले भाग गई। करीब दो घण्टे पैदल चलने पर बोकारो बस स्टैंड पहुंची वहां एक बस ड्राइवर ने कहा डरो मत चलो राँची छोड़ देंगे।बस पर जैसी बैठी राँची आ रही एक महिला ने उसे 50 रुपिया दिया।राँची पहुंचकर पीड़ित युवती घर पहुंची।चूंकि उसके पिता ने दो साल से पुलिस के चक्कर मे परेशान होकर सीआईडी को बेटी को खोजने में मदद मांगीं थी।पीड़ित लड़की के चाचा ने सबसे पहले एक एनजीओ के और बाल अधिकार सदस्य को जानकारी दिया।फिर उन्होंने सीआईडी के बड़े अधिकारी को बताया।अधिकारी ने त्वरित करवाई के लिये पुलिस को बोकारो भेजा और आरोपी मुदस्सर को गिरफ्तार कर लाया आज जेल भेज दिया गया।

पिछले 2 वर्षों से अधिक समय से घर में भी बंधक होकर जो शारीरिक मानसिक दंस झेली:-

पीड़ित लड़की अनुसार आरोपी युवक के द्वारा लड़की को बोकारो स्थित अपने घर में पिछले ढाई वर्षों से अधिक समय से अपने घर में बंधक बनाकर रखा था. उसे कहीं बाहर निकलने नहीं दिया जाता था और उसके साथ हमेशा शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता था. आरोपी युवक के द्वारा लड़की के साथ जो जो कर्म किया लड़की द्वारा आपबीती सुनाते वक्त बार बार रो दे रही थी।कह रही थी जीता जागता नरक क्या होता है उसे देख कर आ रही हूँ।काश उप्पर वाले मौत दे देती तो सबसे अच्छा होता।

पीड़ित लड़की के शरीर में कई जगहों पर मारपीट के निशान है:

पीड़ित लड़की ने बताई की वेवजह पूरे परिवार के लोग मारपीट करते रहता था।सोने भी नहीं देते थे।जबरदस्ती जो नहीं खाना चाहती थी उसे खिलाया जाता था।नहीं खाने पर छोलनी गर्म कर मारता था।हाथ ,पैर,पीठ, अन्य कई जगहों पर दागा भी गया है। बता दें कि लड़की वर्ष 2017 में लापता हुई थी लड़की के पिता ने अपनी बेटी के अपहरण होने की आशंका जताते हुए पर अरगोड़ा थाना में मामला दर्ज करवाया था और अपनी बेटी की सकुशल बरामदगी को लेकर गुहार भी लगाया था.लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी लड़की का कोई पता नहीं चल पाया था.