टेरर फंडिंग मामला: हाईकोर्ट ने एनआईए से मांगा जवाब, मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को
रांची: टेरर फंडिंग मामले में आरोपित आम्रपाली परियाेजना के पूर्व जीएम अजीत कुमार ठाकुर के जमानत याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अजीत कुमार ठाकुर की जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनआइए से जवाब मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.बता दें कि अजीत कुमार ठाकुर आम्रपाली परियाेजना के जीएम थे. एनआइए ने टेरर फंडिंग के मामले में अजीत कुमार सहित आठ टीपीसी उग्रवादियों को वांटेड घोषित किया है.
अजीत कुमार सहित आठ टीपीसी उग्रवादियों को वांटेड घोषित किया है:-
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम अजीत कुमार ठाकुर और आठ टीपीसी उग्रवादियों को एनआईए बीते वर्ष 27 जुलाई 2019 को एनआईए ने फरार घोषित किया था.अजीत कुमार ठाकुर परियोजना शुरू होने के दौरान आम्रपाली के जीएम थे.वह रांची के आर्या होटल के पीछे स्थित मोदी कंपाउंड के गुलमोहर अपार्टमेंट में रहते हैं.उन्होंने अपने इस फ्लैट को किराए पर दे रखा है.
ये भी हैं एनआईए के वांटेड:-
टीपीसी समेत विस्थापितों की कमेटी बनाकर उगाही के मामले में एनआईए ने सीसीएल के ही कर्मचारी व टीपीसी के घोषित कमांडर भीखन गंझू, मुकेश गंझू, विस्थापित नेता व ट्रांसपोर्टर प्रेम विकास सिंह, बीरबल गंझू, टीपीसी सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, आक्रमण और अनिश्चय गंझू को वांटेड घोषित किया है.
क्या है मामला:-
एनआईए कोल परियोजनाओं से वसूली के मामले की जांच कर रही है.जांच एजेंसी ने चतरा में सीसीएल अफसरों, टीपीसी, स्थानीय कमेटियों व ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेवी वसूली के मामलों में साल 2018 में एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में एनआईए ने सीसीएल के चालक व मास्टरमाइंड सुभान मियां समेत 14 लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया है.