एसी टूरिस्ट बस की पुलिस ने जब जांच की तो आंखें खुली की खुली रह गयी,ठूंस-ठूंस कर भरे थे 25 मवेशी…पुलिस ने 25 गो वंशीय पशुओं को बरामद किया….

हज़ारीबाग।झारखण्ड के हज़ारीबाग जिले के चोरदाहा चेकपोस्ट से चौपारण थाना पुलिस ने 25 गो वंशीय पशुओं को बरामद किया।एनएच-2 पर पशु तस्करों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अभियान में बुधवार की देर रात पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस को मिली एक सूचना पर बिहार से आर रही टूरिस्ट एसी यात्री बस (बीआर02एम-6786) को रोका गया।सूचना थी कि गो तस्करों द्वारा एक ब्लू रंग की रॉकी नामक बस में गो वंशीय पशुओं को लोडकर तस्करी करने के लिए बिहार से बंगाल के वधशालाओं में ले जाया जा रहा है।थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देष पर छापेमारी दल का गठन किया गया। इसमें निलेश कुमार रंजन, बादल कुमार महतो, जैप-तीन बल के जवान के सहयोग से बिहार से झारखण्ड प्रवेश करने वाली गाड़ियों की जांच की गयी।जब वाहन चेकिंग के लिए बस रोकने का प्रयास किया गया जांच टीम को देखते ही बस का ड्राइवर वाहन को रोकने के बजाय चोरदाहा चेकपोस्ट में लगी बैरिकेडिंग को तोड़कर चौपारण की ओर भागने लगा।पुलिस ने बस का पीछा किया।बस ड्राइवर बीच घाटी में बस छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। वाहन जांच के क्रम में पुलिस को बस से कुल 25 गो वंशीय पशु मिले। गो तस्करों ने जानवरों के नाक और मुंह को बांध दिया था।इससे एक पशु की मौत हो गयी थी।

वहीं पुलिस को बस से 18 फर्जी नंबर प्लेट और अलग-अलग जिलों के रजिस्ट्रेशन पेपर मिले हैं। पुलिस ने बस और पशु को जब्त कर ली है। इस संबंध में पुलिस ने चौपारण थाना में कांड संख्या-159/24 के तहत मामला दर्ज किया है।

बताया जाता है कि पुलिस ने जब बस की जांच की तो आंखें खुली की खुली रह गयी।तस्करों ने बस की सभी सीटें खोल दी थी। बस में क्रूरतापूर्वक 25 मवेशियों को मुंह-नाक बांधकर रख दिये थे। सभी जानवरों को बेतरतीब तरीके से भर दिया था। इसके बाद बस में लगे पर्दा को ठीक कर लगा दिया गया था ताकि बाहर से देखने पर लगे कि अंदर यात्री बैठे हैं।सभी मवेशियों के पैर भी बांध दिये गये थे, जिससे वह अपनी जगह से हिल-डुल नहीं कर सकें।पशुओं को बस के अंदर जबरन ठूंस-ठूंस कर रखा गया था। कई जानवरों को क्रूरतापूर्वक बांधने के कारण उनके गर्दन और नाक से खून बह रहे थे।जांच के क्रम में एक पशु मृत पाया गया।

पशु तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए कई तरकीब भी अपना रखे थे।बस की तलाशी लेने पर पाया गया कि बस का रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर02एपी-4852 है।इसके ऊपर से स्टीकर के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर चिपकाया गया था।इसको उखाड़कर जांच करने पर अंदर में एक अन्य रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर02एम-6786 पाया गया। साथ ही बस के अंदर से भी 18 फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर का स्टीकर बरामद हुआ।