राँची पुलिस:सामूहिक दुष्कर्म के पांच आरोपी को डीएसपी ने रंगेहाथ गिऱफ्तार की थी,कोर्ट से साक्ष्य के अभाव में 110 दिनों बाद सभी बरी हुआ
राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची की पुलिस की सफलता कहें या विफलता।वहीं पीड़िता के अचानक आरोपित की संलिप्तता से इन्कार करना।कई सवालों के बाद दुष्कर्म जैसे संगीन जुर्म होने के बाद साढ़े तीन महीने के अंदर ही साक्ष्य के अभाव में सामूहिक दुष्कर्म के पांच आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।यह मामला रातू थाना क्षेत्र से जुड़ा है।राँची की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में इन आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया।आपको बता दें कि 11 मई 2022 की रात को जब पीड़िता घर लौट रही थी। इसी दौरान कार में जबरन उसे बिठाया गया था और वारदात को अंजाम दिया गया था।इलाके में गश्त लगा रही प्रशिक्षु डीएसपी ने पीड़िता को कार से मुक्त कराया था और इस मामले में कार्रवाई की थी।
बताया जाता है कि प्रशिक्षु डीएसपी अंकिता राय क्षेत्र में गश्त लगा रही थीं।इसी दौरान राँची के दलादिली चौक के समीप एक होटल के बाहर संदिग्ध हालत में उन्होंने कार खड़ी देखी. वहां पहुंच कर उन्होंने देखा कि युवक-युवती आपत्तिजनक स्थिति में हैं और पीड़िता रो रही थी।उन्होंने पीड़िता को कार से मुक्त कराया था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी. मामला दर्ज किया गया था। अदालत में सुनवाई हुई।इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाया। साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपी बरी हो गए हैं।
पांचों आरोपियों सचिन पांडेय, आकाश कुमार, हर्ष कुमार, मयंक कुमार और विशाल कुमार की ओर से अधिवक्ता प्रीतांशु सिंह के केस लड़ा।उन्होंने जानकारी दी कि अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों के बयान दर्ज कराये गये थे।जबकि बचाव पक्ष ने एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया।इस केस से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी यानी FIR कराने वाली लड़की ने अपने बयान में युवकों की संलिप्तता स्वीकार नहीं की।
15 वर्षीया पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि ये घटना रात 11 मई 2022 की है।वह अपने घर लौट रही थी।इसी दौरान एक कार में सवार पांच युवकों ने जबरदस्ती उसे कार में बिठा लिया। इसके बाद कार को एक रेस्टोरेंट के बाहर रोक कर सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।पुलिस ने एक्शन लिया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी. अदालत में सुनवाई हुई।साक्ष्य के अभाव में अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को बरी कर दिया।