Breaking:अधिवक्ता हत्या कांड:राँची में अधिवक्ताओं में उबला गुस्सा,कोर्ट में सभी तरह कार्य का किया बहिष्कार…

राँची: कांके थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर के रहने वाले अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह के हत्या के विरोध में रांची सिविल कोर्ट के वकील हड़ताल पर चले गए है.रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव के द्वारा रांची सिविल कोर्ट के प्रधान नियुक्त को पत्र लिखते हुए कहा गया है कि रांची जिला बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की निर्मम हत्या अपराधियों के द्वारा गोली मारकर कर दी गई.इसके अलावा अधिवक्ता चंदन कुमार दीक्षित और जितेंद्र कुमार वर्मा पर भी जमीन माफिया और अपराधियों के द्वारा लगातार हमले हो रहे हैं. जिससे हम सभी अधिवक्ता मर्माहत है. इस तरह की घटना के विरोध में रांची जिला बार एसोसिएशन की बैठक में निर्णय लिया गया कि 10 दिसंबर को सभी अधिवक्ता अपने कार्य से अलग रहेंगे.

घर के पास अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह को मारी गई थी गोली:-

राजधानी रांची के कांके रोड के सर्वोदय नगर में सोमवार शाम को अधिवक्‍ता रामप्रवेश सिंह को उनके घर के पास ही बाइक सवार अपराधियों ने जमीन विवाद में गोली मार कर हत्‍या कर दी थी. गोली मारने के बाद अपराधी फरार हो गए.आसपास के लोगों ने गंभीर हालत में घायल व्‍यक्ति को रिम्स में भर्ती कराया.रिम्‍स में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.घर के सामने अधिवक्ता को गोली तब मारी गई, जब वे ठाकुरगांव से अपनी कार से लौट कर कार पार्क कर उतरे थे.जैसे ही वे कार से उतरे, एक लंगड़ा व्यक्ति उन्‍हें गोली मार कर भाग गया.पुलिस मामले की जांच कर रही है.मामले में पुलिस ने अभी कुछ भी बताने से इन्‍कार किया है.चुनाव की गहमागहमी और बढ़ी सुरक्षा चौकसी के बीच राजधानी के पॉश इलाके में हत्या की इस घटना से पुलिस-प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.घटना के बाद महाधिवक्ता, डीआइजी, एसएसपी सहित कई अधिकारी और कई अन्‍य अधिवक्‍ता भी रिम्‍स पहुंच थे.

रास्ते का है विवाद ,पूरी जमीन पर कब्जा की साजिश:-

जिस जमीन पर कब्जा की साजिश की जा रही थी. उसमें 81 डिसमिल की जमीन रामप्रवेश की जमीन से सटा है.रामप्रवेश की जमीन से रास्ता निकालना चाहते हैं.रास्ता ले लिया गया है, हालांकि रमेश गाड़ी और छोटू गाड़ी रामप्रवेश की पूरी जमीन पर कब्जा करने चाहते हैं. इसका रामप्रवेश विरोध करते थे. कई क्रिमिनल और सिविल केस भी दर्ज करवा रखा था. छह अक्टूबर को एक मामले में छह जनवरी को तारीख है. जिसमें आरोप गठन होना था.