पलामू:सर्दी,खांसी व तेज बुखार से 7 दिन के अंदर पिता-पुत्री की मौत, बहू में भी दिखे ऐसे ही लक्षण,गांव में फैला#Coronavirus का खौफ..
छतरपुर : झारखंड के पलामू जिला के छतरपुर प्रखंड में महज सात दिन के अंदर अज्ञात बीमारी से पिता-पुत्री की मौत हो गयी। मृतक की बहू भी इसी बीमारी की चपेट में है। उसका इलाज कराने की बजाय लोग बीमार महिला को ओझा के पास ले गये और उसकी झाड़-फूंक करवा रहे हैं।लोग इसे भूत-प्रेत का साया मान रहे हैं।
मामला छतरपुर प्रखंड के सुशीगंज गांव का है।एक सप्ताह के भीतर पिता-पुत्री की मौत और वही लक्षण बहू में भी दिखा, तो लोगों ने इसे भूत-प्रेस का साया मान लिया. पंचायत के मुखिया पंकज पासवान ने बताया कि सुशीगंज के गहनू भुइयां (55) को 12 मार्च को सर्दी, खांसी व तेज बुखार हुआ, तो उसने प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया।
इलाज कराकर घर लौटा और 14 मार्च को उसकी मृत्यु हो गयी।उसकी बेटी करमी देवी (30) को भी वही समस्या थी, जो उसके पिता गहनू भुईयां को थी. 19 मार्च की देर रात को करमी देवी को भी सर्दी, खांसी व तेज बुखार हो गया. उसे लोग अनुमंडलीय अस्पताल ले गये. इलाज कराकर वह 20 मार्च को घर लौट आयी. घर में उसी दिन उसकी मौत हो गयी.
आज शनिवार यानी 21 मार्च, 2020 को गहनू भुइयां की बहू सविता उसी बीमारी से पीड़ित हो गयी है. इसकी सूचना चिकित्सा प्रभारी को दी गयी. चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश अग्रवाल गांव जाकर सविता का इलाज करने पहुंचे, तो मालूम हुआ कि घर वाले इस बीमारी को भूत-प्रेत का प्रकोप समझ कर झाड़-फूंक कराने उसे हैदरनगर ले गये हैं।एक ही परिवार के दो सदस्य की मौत व तीसरे के बीमार हो जाने से गांव में दहशत का माहौल है. लोगों में डर है कि कहीं कोरोना ने तो गांव में दस्तक नहीं दे दी. वहीं, मुखिया पंकज ने बताया कि गहनू की मौत पर परिजनों ने ध्यान नहीं दिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
बेटी करमी की मौत हुई, तो लोगों ने उसका अंतिम संस्कार करने की बजाय शव को दफना दिया।गांव वाले कोरोना के डर के कारण करमी के शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग पलामू के उपायुक्त से कर रहे हैं. गहनू भुइयां का बेटा और सविता का पति प्रमोद दूसरे राज्य में मजदूरी करता है. होली में वह अपने गांव लौटा था।
चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश अग्रवाल ने बताया कि घर पहुंचने पर बीमार सविता नहीं मिली. इसलिए उसकी जांच नहीं हो पायी. यह भी नहीं मालूम हो पाया कि उसे क्या बीमारी है,उन्होंने कहा कि घर के दो सदस्यों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस के डर को डॉ अग्रवाल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ही फैलती है. महंगू के घर या गांव में कोई भी व्यक्ति बाहर से नहीं आया है. इसलिए यह कहना कि उसकी मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है, गलत है।