चतरा:भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर कमलेश ने पुलिस के समक्ष किया सरेंडर

चतरा।भाकपा माओवादी नक्सली संगठन मध्य जोन के सैक सदस्य गौतम पासवान दस्ता के एरिया कमांडर कमलेश यादव लगातार पुलिस के बढ़ती दबिश और संगठन के आंतरिक शोषण से परेशान होकर झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर चतरा पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। कमलेश यादव मूल रूप से चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के चरका कला गांव का रहने वाला है। उसके ऊपर चतरा और पलामू जिला के अलग-अलग थाने में कुल 8 मामले दर्ज हैंम

इन बड़े घटनाओं में शामिल रहा है कमलेश यादव

–जिले के कुन्दा थाना क्षेत्र में 5 फरवरी 2017 को मुरारी शर्मा और मुन्ना नाम के युवक की हत्या पुलिस का मुखबिर बताकर कर दिया था।

–पलामू जिले के महत्व थाना क्षेत्र में अगस्त 2017 में भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए जमीन के अंदर विस्फोटक लगाया था।

–चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में 19 सितंबर 2022 को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें एक एक सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे।

भाकपा माओवादी में शामिल होने से पहले करते थे मजदूरी

कमलेश यादव ने पुलिस को बताया कि वो अपने पिता के दस संतानों में दुसरे संतान हैं।साल 2014 को दिसम्बर माह में ये माओवादी संगठन में शामिल हो गये थे।संगठन में जुडने से पहले ये सिरसा हरियाणा में दैनिक मजदुरी का काम करता था।साल 2009 में विवादित जमीन इनके द्वारा खरीदा गया था,उस जमीन पर अपना कब्जा करने एवं दुसरे पक्ष पर अपना दबाव बनाने के उद्देश्य से साल 2014 में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गये थे।संगठन के द्वारा इनसे झूठा वादा किया गया कि जमीन विवाद सुलझा दिया जायेगा।इसके बाद इन्हे भाकपा माओवादी के शीर्ष कमाण्डरों से मिलवाया गया, जिसमें जोनल कमाण्डर मनोहर गंझू, नितेश यादव, कुन्दन यादव, अमर सिंह, राकेश भुईया, लालदाप उर्फ कल्टू, राजेश यादव, रंजीत गंझू, प्रदीप यादव, सुकेश यादव, सीता भुईया, रंजीत यादव के साथ अन्य लगभग 75 लोग थे। तब ये संगठन के आश्वासन एंव बहकावे में आ गये तथा राकेश भुईया (मृत) एवं कुन्दन यादव के टीम के साथ चकरबंधा के जंगलो में रहने लगे।इस क्रम में बीच बीच में मोरहर नीलांजन सबजोन आते जाते थे।संगठन में इनके कार्यनिष्ठा को देखकर वर्ष 2018 के आगस्त माह में संदीप यादव एवं मुराद जी की अध्यक्षता में हुई पार्टी मिटिंग में इन्हे बबन सिंह भोक्ता एवं राजेश ठाकुर (आत्मसमर्पित) को एरिया कमाण्डर बना दिया गया।कमलेश यादव ने बताया कि संगठन अपने सिद्धांतों एवं दिशा से भटक गयी है एवं भाकपा माओवादी शोषण एवं लेवी वसूलने की पार्टी हो गयी है एवं शीर्ष नक्सली कमाण्डर नीचे के कमाण्डरो का शोषण एवं सिद्धांत के विपरित कार्य करने हेतु एवं भ्रमणशील ईलाको के ग्रामीणो को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित कर दबाव बनाते रहते है जिससे क्षुब्ध ये पार्टी को छोड़कर झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर परिवार के साथ रहकर सामान्य जीवन यापन करने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं।