Jharkhand:नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे वाहनों को किया आग के हवाले,मुंशी और मजदूरों की जमकर पिटाई की

चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लांजी पहाड़ी में बुधवार को नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे करीब आधा दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया।बता दें कि वैष्णवी कंस्ट्रक्शन द्वारा लांजी पहाड़ी में लगभग ढाई करोड़ की लागत से साढ़े तीन किलो मीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है।दिन के करीब ढाई बजे दर्जनों की संख्या में हथियार बंद नक्सली लांजी पहाड़ी से उतरे। सड़क निर्माण कार्य में लगे मुंशी व मजदूरों के साथ जमकर मारपीट की।लगभग दो घंटे तक मुंशी को नक्सलियों ने बंधक बना कर रखा।नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे हाइवा, ट्रैक्टर, मिक्सर मशीन समेत चार वाहन को आग के हवाला कर दिया।लांजी पहाड़ी के बीच में पुलिया निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ भी जम कर मारपीट की. मालूम रहे कि चार मार्च को महाराजा प्रमाणिक के दस्ते ने डाइरेक्शनल क्लेमोर माइन विस्फोट कर झारखंड जगुवार के तीन जवान हरद्वार साह, देवेंद्र पंडित, किरण सुरिन शहीद हो गये जबकि तीन जवान घायल हो गये थे। इसके बाद काफी दिनों तक नक्सलियों की गतिविधि लांजी पहाड़ी में शांत थी।कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा सड़क निर्माण कार्य को तेजी से किया जा रहा था। लगभग 60 प्रतिशत सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने लेवी के लिये या फिर पुलिस को आमंत्रण देने के लिये वाहन को आग हवाले किया है।नक्सली घटना के बाद लांजी पहाड़ी में दहशत का माहौल है।कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर नक्सलियों का आंतक देख जान बचा कर भाग खड़े हुये।पुलिस लांजी पहाड़ी के पास पहुंच चुकी है। शाम होने के कारण पुलिस सर्च अभियान नहीं चला पायी थी।पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने बताया कि लांजी में 2.5 किमी पीसीसी सड़क बन रही है। मामले को लेकर सड़क निर्माण के संवेदक से बात नहीं हो पायी है। जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया है, वह किसी विचारधारा वालों का नहीं है. इस सड़क के निर्माण से ग्रामीण काफी खुश थे।लोगों ने बुधवार की शाम करीब 5 बजे धुंआ उठते हुए देखा था। घटना का सत्यापन किया जायेगा। इसके बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है।

इधर ग्रामीणों ने उन्हें बताया था कि गांव में जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उन्हें खटिया पर लादकर इलाज के लिए ले जाना पड़ता है. कई लोग अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते हैं और रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है. वहां पहली बार सड़क बन रही थी। लिहाजा सड़क निर्माण से ग्रामीणों में काफी खुशी थी. ग्रामीणों के लिए इस सड़क की काफी महत्ता थी। ऐसे में सड़क बनाने में अवरोध नहीं करना चाहिए था।यदि इसमें अवरोध कर रहे हैं तो यह ग्रामीणों के खिलाफ है।