#jharkhand:कोरोना जांच और रिपोर्ट में देरी पर हाईकोर्ट गम्भीर,एक केस के सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता से पूछे जब हाईकोर्ट के कर्मियों की जांच रिपोर्ट में इतना समय लग रहा है तो राज्य की जनता का क्या हाल हो रहा होगा ?

राँची।झारखण्ड हाई कोर्ट ने झारखण्ड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और जांच की सुस्‍त रफ्तार पर कड़ी टिप्‍पणी करते हुए राज्‍य सरकार को हिदायत दी है। झारखण्ड हाई कोर्ट ने कोरोना की जांच सुस्त होने पर कहा कि जब हाई कोर्ट के कर्मियों की जांच रिपोर्ट में इतना समय लग रहा है तो राज्य की जनता का क्या हाल हो रहा होगा। अदालत ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां पर भी बिहार जैसे हालात न हो जाये इसलिए सरकार को कोरोना पर जल्द काबू पाना होगा।

हाई कोर्ट ने नये भवन में कोर्ट के सभी कर्मी और जजेज गेस्ट हाउस को जज के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए सरकार प्रस्ताव भेजे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई बैठक में सुधार का दावा किया जाता है लेकिन सुधार नहीं दिख रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान झारखण्ड में बढ़ते कोरोना मामलों पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने धुर्वा स्थित ज्यूडिशियल एकेडमी के खाली भवन के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया है।

आज झारखण्ड हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन से यह जानना चाहा कि आखिर कोविड-19 के टेस्ट में इतनी देरी क्यों हो रही है?

राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया अलग-अलग कार्यालयों के साथ झारखण्ड हाई कोर्ट एवं सिविल कोर्ट में भी कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में कोरोना से संक्रमित मरीजों के उपचार और संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच की प्रक्रिया चल रही है।और उच्च न्यायालय ने टेस्टिंग और टेस्टिंग के बाद देर से आ रहे रिपोर्ट पर महाधिवक्ता से यह जानना चाहा की पूरी प्रक्रिया में देर क्यों हो रही है?

यहां बताते चलें कि झारखण्ड हाईकोर्ट और राँची सिविल कोर्ट में भी कोरोना अपना पांव पसार रहा है, अब तक लगभग डेढ़ दर्जन कोरोना के संक्रमित मरीज झारखंड हाईकोर्ट में मिल चुके हैं. वही रांची सिविल कोर्ट के भी कुछ कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हैं।वहीं राजधानी के पुलिस समेत कई ऑफिस बैंक के कर्मचारी भी कोरोना से पीड़ित निकल रहे हैं।ऐसे में जांच पर सवाल उठना स्वाभाविक है।क्योंकि एक एक सप्ताह तक रिपोर्ट नहीं आ रही है।वहीं ऐसी भी सूचना है कि जांच रिपोर्ट 15 दिनों के बाद आ रहा है ।