मीडिया में इस्तीफे को लेकर खिचखिच के बाद आखिरकार मंत्री सरयू राय ने इस्तीफा दे दिया।
राँची। झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने अपना इस्तीफ सौंप दिया है । राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि, उन्होंने मंत्री पद और विधायक के पद से पहले ही इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन नियमत: फैक्स संदेश से काम नहीं चलना है, मंत्री को सशरीर पहुंचकर इस्तीफा देना सही होता है. इस कारण राजभवन ने यह कह दिया था कि उनको इस्तीफा नहीं मिला है. इसके बाद शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर सरयू राय ने अपना इस्तीफा विधिवत सौंप दिया. वैसे वे पहले ही भाजपा से इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन बाद में भाजपा ने भी उनको 6 साल के लिए बरखास्त कर दिया था. उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा के अधीकृत प्रत्याशी मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ा था. सरयू राय ने इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से राजभवन के बाहर ही बातचीत की और कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनको (खुद सरयू राय को) बरखास्त करना चाहिए था, लेकिन उनको बरखास्त नहीं किया, नतीजतन हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया. वैसे फैक्स से पहले ही इस्तीफा भेज दिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा का प्रदर्शन इस बार के चुनाव में ठीक नहीं रहने वाला है और 15 से ज्यादा सीटें भाजपा को नहीं मिलने वाली है. सरयू राय ने कहा कि नैतिकता के कारण उन्होंने विधायक और मंत्री के पद से इस्तीफा 17 नवंबर को फैक्स से ही भेज दिया था. विधानसभा से इसकी पुष्टि भी हुई, लेकिन राजभवन ने इसकी पुष्टि नहीं की. वैसे उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ा तो उनके इस्तीफा का इंतजार मुख्यमंत्री को नहीं करना चाहिए था सीधे बरखास्त कर देना चाहिए था, लेकिन नही किया. उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से अपनी जीत के बारे में बताया कि बड़े बोल नहीं बोलना चाहिए. 23 दिसंबर को ही साफ हो पायेगा कि कौन जीतेगा, लेकिन मेरे पक्ष में जनता ने अच्छा वोटिंग किया है, यह मालूम है.