धनबाद:पिता के प्यार में 10 साल की बेटी ने पिता के हत्या मामले में आरोपी माँ और मामा को उम्रक़ैद की सजा दिलवा दी
धनबाद।झारखण्ड के धनबाद जिले का मामला हैं जहाँ 10 साल की बेटी ने अपने पिता के हत्या के आरोपी को जिंदगी भर सलाखों के अंदर करवा दी है।छोटी सी बच्ची ने गजब साहस एक परिचय दिया है।बताया गया कि मोबाइल फोन पर दूसरे से बात करने का पति ने विरोध किया था तो पत्नी ने अपने भाई के साथ मिलकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इतना ही नहीं, साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से लाश को रेलवे लाइन पर रख दिया,लेकिन 10 वर्ष की बेटी ने उनकी पोल खोलकर रख दी।बताय जा रहा है कि कोर्ट में बच्ची ने पूरी कहानी बता दी। नतीजा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा की अदालत ने चिरकुंडा थाना क्षेत्र के एग्यारकुंड निवासी मृतक ललन पासवान की पत्नी सोनी देवी एवं उसके भाई राजेश को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है।
दोनों जेल में बंद हैं
जानकारी अनुसार ललन पासवान की हत्या कर शव को छिपाने के मामले में उसकी पत्नी सोनी देवी के बयान पर ही चिरकुंडा थाना में 3 मई 2016 को कालाचंद गोराईं, अनिल, सुनील तथा छोटू कुंडू के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में सोनी देवी ने बताया था कि सभी आरोपी उसके घर में आकर उसके पति ललन पासवान के साथ मारपीट की एवं उसकी हत्या कर शव को रेलवे लाइन के पास फेंक दिया था।इस सम्बंध में 13 सितंबर 2017 को अदालत ने दो आरोपी कालाचंद गोराई एवं छोटू को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। वहीं आरोपी अनिल तथा सुनील को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया था। सोनी देवी एवं राजेश बाउरी का मामला अनुसंधान के लिए लंबित था।
10 वर्षीय पुत्री ने दिलाई माँ और मामा को सजा
बताया जा रहा है कि हत्याकाड की तफ्तीश कर रही पुलिस ने जब मृतक ललन पासवान की 10 वर्षीय पुत्री संजना से पूछताछ की तो संजना ने पूरी कहानी पर से पर्दा उठा दिया। वह घटना की चश्मदीद गवाह थी। संजना ने अदालत को बताया कि उसकी माँ सोनी देवी फोन पर अक्सर किसी से बात किया करती थी, जिसका विरोध पिता किया करते थे। 3 मई 2016 को उसके पिता काम से लौट कर आए तो उसकी माँ फोन पर किसी से बात कर रही थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। उसके पिता ने माँ से फोन लेकर जमीन पर पटक कर तोड़ दिया। उसी दिन कालाचंद गोराई, अनिल, सुनील तथा छोटू उसके घर आकर उसके पिता को बुलाकर ले गए। सभी ने शराब पी और उसका पिता अकेले घर लौट कर आए। फिर चारों उसके घर आकर उसके पिता के साथ मारपीट करने लगे जिसमें उसकी माँ तथा मामा भी शामिल थे। जब वह चिल्लाने लगी तो उसकी माँ ने उसका गला दबाकर धमकी दी कि कल उसे भी जला कर मार देगी। इससे वह डरकर सो गई। उन लोगों ने उसके पिता की हत्या कर शव को झाड़ी के पास फेंक दिया। बाद में उसकी माँ सोनी देवी ने उसके मामा राजेश बाउरी से कहा कि जाकर देखो जिंदा है या नहीं। तब उसका मामा झाड़ी के पास जाकर उसके पिता के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। दूसरे दिन उसकी माँ ने उससे कहा कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है और उसका शव रेलवे लाइन के पास पड़ा है। जाकर देख लो।