#बड़ी_खबर : चाइबासा में पथलगड़ी समर्थकों ने किया उपमुखिया समेत सात की हत्या,दो अब भी लापता।
चाइबासा : जिले के सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा में रविवार देर रात पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प में गुलीकेरा ग्राम पंचायत के उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या कर दिये जाने की ख़बर है. और दो ग्रामीण लापता बताये जा रहे हैं. घटना गुलीकेरा ग्राम पंचायत के बुरुगुलीकेरा गांव की है. सूचना है कि हत्या करने के बाद सभी लोगों के शव गांव के पास स्थित जंगल में फेंक दिये गये हैं.
पत्थलगड़ी समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प में कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और ना ही जिले के एसपी और पुलिस मुख्यालय के कोई अधिकारी से संपर्क हो पा रहा है।
17 जनवरी से ही हुई थी घटना की शुरुआत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा गांव में घूम घूम कर कुछ दस्तावेज मांग कर जमा करने का काम पिछले 10-12 दिनों से चल रहा था.इसी दौरान बीते 17 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों का पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी.
इस घटना में कई पत्थलगड़ी समर्थकों को चोटें आयी थी. बताया जा रहा है कि रविवार को पत्थलगड़ी समर्थक और पत्थलगड़ी विरोधियों के बीच फिर से हिंसक झड़प हुई जिनमें पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा पत्थलगड़ी विरोधी 7 लोगों की हत्या कर दी गयी.
पत्थलगढ़ी समर्थकों ने रविवार को गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की थी
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्थलगढ़ी समर्थकों द्वारा रविवार को गाँव में ग्रामीणों के साथ बैठक की गयी थी. इस दौरान पत्थलगढ़ी समर्थक पत्थलगढ़ी का विरोध करनेवाले उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को पीटने लगे.जिसके बाद उनके परिजन डरकर वहां से भाग गये. इस क्रम में पत्थलगढ़ी समर्थक उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों को उठाकर जंगल की ओर ले गये।
रविवार को उनके घर वापस नहीं लौटने पर सोमवार को उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों के परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे. उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मामले की छानबीन में लगी ही थी कि मंगलवार दोपहर को पुलिस को उपमुखिया जेम्स बूढ़ और अन्य छह लोगों की हत्या कर उनके शव जंगल में फेंके जाने की सूचना मिली।
अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से देर से मिली पुलिस को जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनुवा थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा में उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या रविवार देर रात पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा कर दी गयी थी जिसके बाद सभी के शव को पास के जंगल में फेंक दिया गया.अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से पुलिस को घटना की जानकारी काफी लेट से हुई.
शव की नहीं हो सकी है बरामदगी
जानकारी के अनुसार जहां सभी 7 व्यक्तियों की हत्या करके उनके शव को फेंका गया है. खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर पुलिस नहीं पहुंची है. बताया जा रहा है कि सभी लोगो की हत्या अगर पहाड़ी क्षेत्र में हुई होगी तो पुलिस सुबह घटनास्थल पर पहुंचकर सभी शव को बरामद कर लेगी.
इस इलाके में नक्सली कहीं लैंडमाइंस विस्फोट ना कर दे इसे देखते हुए पुलिस काफी सतर्कता बरत रही है. पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही स्थिति क्या है. इन सवालों का सही जवाब मिल पायेगा।
वर्तमान सरकार के फैसले से बढ़ा पथलगड़ी समर्थक उपद्रवियों का साहस?
झारखंड कुछ वर्ष पहले पत्थलगड़ी को लेकर सुर्खियों में रहा था। इसका केंद्र खूंटी था। गांवों में पथलगड़ी के नाम पर खूब उपद्रव हुए थे। पत्थलगड़ी के दौरान कई गांवों में समानांतर सरकार चलाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। पथलगड़ी समर्थकों ने खुद की करैंसी, बैंक और सेना के गठन करना का ऐलान कर दिया था। झारखंड की सत्ता संभालते ही पहली ही बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे जुड़े सभी केस खत्म करने का ऐलान किया था।
अलगाववाद के पहलुओं को जोड़ते हुए तत्कालीन रघुवर सरकार के दौरान पत्थलगड़ी विवाद से जुड़े 19 मामलों में राजद्रोह की धाराओं के तहत खूंटी में केस दर्ज हुए थे। वर्तमान हेमंत सरकार के इस फैसले से पथलगड़ी से जुड़े कुल 172 नामजद आरोपियों को सीधी राहत मिलेगी। ज्ञात हो कि खूंटी में 19 राजद्रोह केस मं 96 आरोपियों के खिलाफ राज्य सरकार के गृह विभाग ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे रखी है। 96 में से 48 के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।