ईडी रेड की सूचना मिलते ही पानी मांगने लगे जेएमएम के नेता, हलक तर करने से पहले ही पहुंच गई ईडी की टीम…!


राँची।आम दिनों की तरह आज यानी 16 अप्रैल की सुबह झामुमो नेता अंतु तिर्की मॉर्निंग वॉक करने मोरहाबादी मैदान पहुंचे थे। सेहत के प्रति जागरूक अन्य शहरियों की तरह मोरहाबादी मैदान पहुंचते ही हाथ पैर घुमाते हुए कदमताल करने लगे।इसी दौरान पार्टी से जुड़े उनके दो साथी मिल गये।फिर क्या था, चलते-फिरते चर्चा शुरू हो गई। मौजूदा राजनीति और बिजनेस पर बातें होने लगी।

मोरहाबादी मैदान में वर्जिश करते हुए गपशप चल ही रही थी कि अंतु तिर्की का मोबाइल घनघनाने लगा।ये कॉल घर से आया था तब सुबह के करीब 6.30 बज रहे थे।हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए उन्होंने जैसे ही फोन पिकअप किया तो दूसरी ओर से उनकी भांजी ने कहा कि ईडी की टीम घर पहुंची हुई है।इतना सुनने भर की देरी थी कि अंतु तिर्की कुछ पलों के लिए सन्न रह गये। उनके दोनों साथी समझ गये कि मामला कुछ गंभीर है। एक दोस्त ने पूछा कि क्या हुआ, उनका जवाब था प्यास लगी है।

इतना कहकर अंतु तिर्की अपनी गाड़ी की ओर बढ़ गये, वह पानी पीना चाह रहे थे।अभी पानी की एक घूंट गले से उतरी भी नहीं था कि एक निजी नंबर वाली गाड़ी उनके सामने आकर खड़ी हो गयी। कार से एक लंबे कद काठी का शख्स बाहर आया और अपना कार्ड दिखाते हुए कहा, मेरे साथ चलना होगा. फिर क्या था, अंतु तिर्की उस कार में बैठ गये और पलक झपकते ही कार उनके बरियातू स्थित आवास के रास्ते चल पड़ी।पीछे छूट चुके अंतु तिर्की के दोनों दोस्तों में एक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पत्रकार को पूरा वाक्या बताया।

जानिए, कौन हैं अंतु तिर्की

अंतु तिर्की मूल रूप से झामुमो के ही नेता रहे हैं।राँची  के बरियातू में मेडिकल चौक के पास झामुमो के केंद्रीय कार्यालय के पास ही उनका बंगला है। 2019 के विधानसभा चुनाव में खिजरी विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाने के बाद अंतु तिर्की ने झामुमो छोड़ दिया था। तब वह बाबूलाल मरांडी की पार्टी में शामिल होकर जेवीएम से चुनाव लड़े थे।तब उन्होंने शपथ पत्र में खुद का पेशा ठेकेदारी बताया था, उनकी पत्नी शिक्षिका हैं।

अंतु तिर्की उस समय छह हजार से अधिक वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।जेवीएम से चुनाव हार जाने के बाद बहुत दिनों तक राजनीति में उनकी सक्रियता नहीं दिखी लेकिन बाबूलाल मरांडी के साथ वह भाजपा में नहीं गए। बाद के दिनों में अंतु तिर्की फिर से झामुमो में लौट आये थे लेकिन उन्हें कोई अहम जिम्मेवारी पार्टी की ओर से नहीं दी गयी।इस बीच जमीन घोटाला मामले में उनके घर ईडी की दबिश ने उनके सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।

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