शारदीय नवरात्रि का आज तीसरा दिन,माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा की पूजा….

Shardiya Navratri 2024 Day 3 Maa Chandraghanta Puja:

राँची।नवरात्रि के तीसरे दिन की अधिष्ठात्री देवी माँ चंद्रघंटा हैं। माता चंद्रघंटा का स्वरूप बड़ा अद्भुत और विलक्षण है।धार्मिक मान्यता के अनुसार इनकी सवारी सिंह है।इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्ध चन्द्र है इसलिए इन्हें ’चंद्रघंटा’ के नाम से जाना जाता है।इस दिन साधना करने वाले का मन मणिपुर चक्र में स्थित होने के कारण उसे विलक्षण प्रतीति होती है। वातावरण सुगंधमय हो जाता है और विशेष ध्वनियां सुनाई पड़ती हैं।

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

माता का रंग स्वर्णमय है। वे कान्ति से ओत प्रोत हैं। इनके शरीर से निकलने वाली घंटा ध्वनि से भूत–प्रेत, शत्रु आदि ये सब भाग जाते हैं।वे अपने भक्तों को निडर और भयहीन बनाती है। सदा शत्रुओं का मर्दन करने वाली माता का स्वरूप फिर सौम्य और शांत है।शरणागत घण्टे की ध्वनि सुनते ही आश्वस्त हो जाता है कि माता उसपर कृपा अवश्य बरसाएंगी।इनकी सौम्यता और शांत चित्त का प्रभाव भक्तो पर भी पड़ता है, उसका शरीर भी प्रकाशमय हो जाता है।

माता की आराधना अति शुद्ध पवित्र और निर्मल मन से करनी चाहिए। सांसारिक क्लेशों से मुक्ति का उपाय है माता के शरण में जाना।इसी में हमारी भलाई है. देवी पुराण के अनुसार आज 3 कुमारी कन्याओं को भोजन खिलाया जाता है। आज नवरात्रि के तीसरे दिन स्त्रियां नीले रंग वस्त्र पहनती है।
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