Hartalika Teej 2024:राँची में धूमधाम से मना हरितालिका तीज का त्योहार, महिलाओं ने सोलह शृंगार कर सुनीं व्रत कथा

 

Hartalika Teej 2024
राँची।पति की दीर्घायु की कामना का व्रत पर्व हरितालिका तीज शुक्रवार को राँची शहर सहित पूरे राँची जिले में आस्था श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व निराहार रहकर हरितालिका तीज का व्रत रखा और शुभ मुहूर्त की बेला में भगवान शिव की पूजा अर्चना की।साथ ही भगवान भोले भंडारी से अखंड सौभाग्य व सुखमय वैवाहिक जीवन का वरदान मांगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित सीएच मिश्रा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस दिन सुहागिनी अपने पति की दीर्घायु की कामना को लेकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती है। उन्होंने बताया कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

महिलाओं ने सोलह शृंगार कर सुनीं व्रत कथा

इधर, शुक्रवार को हरितालिका तीज पर अहले सुबह से ही महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखा और तालाब, सरोवरों में स्नान कर सामूहिक रूप से शिव-पार्वती की कथा सुनी।इस दौरान महिलाएं सोलह शृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की कथा को सुना और अपने पति की दीर्घायु होने की कामना की।इसके बाद अर्घ देकर महिलाओं व युवतियों ने पंडितों व पुजारियों को दान-पुण्य किया। शहर के विभिन्न मंदिरों व घरों में भी शंख ध्वनि व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महिलाओं द्वारा निर्जला व्रत रख कर भगवान शिव व पार्वती को विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की़ गयी।

शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का व्रत है तीज

पंडितों ने बताया कि यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में भी व्रत रखा जाता है।इससे दंपती के जीवन में सुख-शांति आती है। शिव-पार्वती की पूजा से सांसारिक ताप भी दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्न होकर पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है।