Country’s First Labor Special Flight@RANCHI: देश की पहली श्रमिक स्पेशल फ्लाइट से मुंबई से 174 मजदूर लौटे झारखण्ड,प्रवासी मजदूर बोले- सपने में भी नहीं सोचा था,हालांकि रोजी-रोटी छीन जाने की उदासी भी उनके चेहरे पर साफ दिखी।
राँची।झारखण्ड सरकार और नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु के पूर्ववर्ती छात्रों के संयुक्त प्रयास और केंद्र सरकार के सहयोग से देश की पहली श्रमिक स्पेशल फ्लाइट मुंबई से राँची पहुंची।इसमें झारखण्ड के 174 प्रवासी मजदूर यात्रा कर रहे थे।जिनकी प्रदेश वापसी हुई है।गुरुवार सुबह 6 बजे फ्लाइट मुंबइ एयरपोर्ट से उड़ान भरी और 8.30 बजे राँची एयरपोर्ट पर पहुंची।
प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए हवाई यात्रा किसी सपने जैसा था।
राँची एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर मजदूरों ने इसके लिए राज्य सरकार और लॉ स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों को धन्यवाद दिया।मजदूरों ने कहा कि उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि वे कभी हवाई यात्रा करेंगे. हालांकि रोजी-रोटी छीन जाने की उदासी भी मजदूरों के चेहरे पर साफ दिखी।
रोजी-रोटी की चिंता मजदूरों के चेहरे पर दिखी
प्रदेश के विभिन्न जिलों से मुम्बई गये मजदूर अपना सबकुछ खोकर उदास चेहरे लिये घर वापस लौटे हैं।छोटे-छोटे बच्चों के साथ राँची एयरपोर्ट पहुंचे 174 मजदूरों के चेहरे पर चिंता की लकीर साफ दिखाई दे रही थी। दरअसल कोरोना संकट ने इनकी परेशानी कई गुणा बढ़ा दी है।मजदूरों ने बताया कि मुंबई में उनमें से कोई गाड़ी चलाकर परिवार चलाते थे, तो कोई दाई का काम, तो कोई फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करते थे।
6 मजदूर मेडिकल अनफिट होने के कारण नहीं कर पाये यात्रा
प्रदेश लौटे 174 मजदूरों में सबसे ज्यादा हजारीबाग के 41 मजदूर हैं, जबकि राँची के 16, कोडरमा के 11, देवघर के 10, धनबाद के 09, जामताड़ा के 02, बोकारो के 05, गोड्डा के 01, गढवा के 02 , सिमडेगा के 28, चतरा के 05 और पलामू के 09 मजदूर शामिल हैं।राँची एयरपोर्ट पहुंचे इन मजदूरों को खाना-पीना देकर जिला प्रशासन ने बस से संबंधित जिले के लिए रवाना किया।
एयरपोर्ट पर यात्रियों के आने से पहले एयरपोर्ट प्रशासन और राज्य सरकार के द्वारा हर तरह के सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखा गया था क्योंकि मुंबई को सबसे अधिक संक्रमित राज्य माना जा रहा है। इस कारण भी जिला प्रशासन और एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के जवान एहतियात के साथ लोगों को एयरपोर्ट पर मार्गदर्शन करते दिखे। एयरपोर्ट पर बाहर से आ रहे लोगों को अपने अपने जिले पहुंचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से बसों का भी इंतजाम किया गया था। 174 यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर 10 बसों की व्यवस्था की गई थी।
हालांकि इस दौरान जिला प्रशासन की व्यवस्था की पोल भी खुल गई।बस को धक्का मारकर स्टार्ट किया गया।तब जाकर सम्मान रथ से मजदूर अपने घर के लिए रवाना हुए. मुम्बई से 180 प्रवासी मजदूरों को राँची आना था।लेकिन छह लोग मेडिकल अनफिट होने के कारण 174 को हवाई यात्रा करने का मौका मिला।