झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ़ के समझ एक साथ 15 नक्सलियों किया सरेंडर,जिसमें दो महिलाएं और एक नाबालिग भी है शामिल….
चाईबासा।झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम पुलिस और सीआरपीएफ़ के सामने 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समर्पण करने वाले नक्सलियों में एक नाबालिग और दो महिलाएं भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी नक्सली कोल्हान क्षेत्र में मिसिर बेसरा और अनल दा के लिए काम करते थे। इनके खिलाफ टोटो, गोईलकेरा, मुफ्फसिल थाने में दर्जनों मामले दर्ज हैं।
झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने समर्पण करने वाले नक्लियों को माला और शॉल देकर स्वागत किया। पुलिस ने बताया कि सरकार के समर्पण नीति से प्रभावित होकर इन लोगों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिया है। समर्पण करने वालों में प्रधान कोडा उर्फ देवेन कोड़ा, चंद्र मोहन उर्फ चंद्र अंगरिया, पगला गोप, घासीराम गोप, विजय बोईपाई, अमन गोप, गंगाराम पूर्ति उर्फ मोटका पूर्ति, निशा कोड़ा, सोनू चम्पिया, सुशील चाम्पिया, मनी चाम्पिया और एक नाबालिग आदि शामिल हैं।
एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि 15 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। ये सभी नक्सली विभिन्न संगठनों के लिए काम करता थे। इन नक्सलियों के मुख्यधारा में जुड़ने से मिसिर बेसरा और अनल के दस्ते को बड़ा झटका लगा है।एसपी ने कहा भारी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। इससे साफ है कि पहले की तुलना में अब नक्सली कमजोर हो रहे है। संगठन का लीडर स्थानीय लोगों को सही जानकारी नहीं देते है। एसपी से पूछा गया कि इनके पास हथियार क्यों नहीं है? इस सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि इन पर निगरानी थी और यह चाहते थे कि आत्मसमर्पण में कोई परेशानी ना हो। इसलिए ये लोग हथियार छोड़कर आए हैं।
नक्सली जोगेन कोड़ा ने कहा कि हम 2019 से संगठन में सक्रिय थे। मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी कि संगठन कैसे काम करता है। हमें समझ ही नहीं आया कि हम फोर्स है या माओवादी। उन्होंने बताया कि संगठन तक सामान पहुंचाते थे। हमे नक्सली संगठन से कोई पैसा नहीं मिलता था। बाद में डराया गया कि पुलिस तंग करेगी। इसलिए संगठन में शामिल हो जाओ।
पश्चिमी सिंहभूम के जंगली इलाकों में लंबे समय से सुरक्षा बल अभियान चला रहा हैं। इस इलाके में मिसिर बेसरा उर्फ सागर जी और पतिराम मांझी ऊर्फ अनल दा की टीम सक्रिय है। सिंहभूम के कई जंगली इलाकों में लैंड माइंस बिछे हैं। सुरक्षा बल लंबे समय से इन माओवादियों को मुख्यधारा में आने की अपील कर रहे हैं। सुरक्षा बलों का दावा है कि नक्सलियों का शोषण किया जाता है। इससे नाराज होकर 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
झारखण्ड के कई नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सली धीरे-धीरे अब मुख्यधारा का हिस्सा बन रहे हैं। कोल्हान और सारंडा के बीहड़ में एक्टिव नक्सलियों की कमर टूट रही है। झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ़ के समक्ष सामूहिक रूप से इन्होंने सरेंडर किया है।