कोचिंग संचालक आर्थिक स्थिति से परेशान:थाना में आकर कहा मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ! जान दे दूंगा और घर पहुँचकर तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दिया
राँची।थाना में आकर कहा मेरी स्थिति ठीक नहीं है जान दे दूंगा और घर आकर तीन मंजिला मकान से कूदकर जान दे दिया।ये घटना राजधानी राँची के सदर थाना क्षेत्र के कोकर का है।बताया गया कि आर्थिक तंगी से परेशान काेचिंग संचालक नरेश कुमार (30) ने मंगलवार काे घर की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले का निवासी नरेश कुमार यहां काेकर के हैदर गली में रहते थे। नरेश का अंतिम संस्कार मंगलवार देर शाम नामकुम में स्वर्णरेखा घाट पर किया गया। आठ साल के बेटे कृष ने उन्हें मुखाग्नि दी। मृतक के माता पिता और भाई
इस सम्बंध में छाेटे भाई राजेश ने बताया कि लाॅकडाउन में काेचिंग कई महीने तक बंद रहा। खुलने पर ज्यादा बच्चे नहीं आ रहे थे। इससे वे पिछले कुछ समय से आर्थिक रूप से परेशान थे। तीन दिन पहले वे पिस्का माेड़ स्थित ससुराल गए थे। मंगलवार काे वापस लाैटने पर सदर थाना पहुंच गए। वहां माैजूद पुलिस कर्मियाें से कहा कि वह आर्थिक रूप से परेशान हाे गए हैं और आत्महत्या कर लेंगे। लेकिन पुलिसवालाें ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और वहां बैठा लिया। जानकारी मिलने पर मैं भाई काे लेकर घर आया ताे वे सीधे तीसरी मंजिल पर पहुंच गए। पीछे से माँ भी गईं। माँ के छत पर पहुंचते ही उनकी आंखाें के सामने नरेश ने पीठ के बल छलांग लगा दी।इधर पुलिस ने थाना आने की पुष्टि नहीं की है।
मृतक के भाई राजेश के मुताबिक नरेश नगड़ा टाेली में 7 साल से काेचिंग चला रहे थे। काेचिंग की कमाई से ही परिवार का भरण पाेषण हाेता था। लेकिन लाॅकडाउन के बाद जब काेचिंग खुला ताे बच्चाें की संख्या काफी घट गई थी। नरेश तीन भाइयाें में दूसरे नंबर पर थे। उनका बड़ा भाई एक गैस एजेंसी में मैनेजर हैं। वहीं छाेटा भाई राजेश एक अधिकारी की कार चलाते हैं।
आत्महत्या से पहले लगातार माँ से मंगाकर पी रहा था चाय और सत्तू, दुनिया छोड़ देने की बात कहते हुए गा रहा था गाना
मृतक की माँ राम सुंदरी देवी ने बातचीत के दौरान बताया कि ससुराल से घर वापस लौटने के बाद वह लगातार चाय बनवा कर पी रहा था। इस दौरान सेहत का ख्याल दिलाने की बात कहने के बाद वह उन्हें ही समझा दे रहा था। चाय देने से मना करने पर वह मां से जबरन सत्तू घुलवाकर पी रहा था। मृतक की मां ने यह भी बताया कि चाय और सत्तू पीने के दौरान वह लगातार पुराना गाना गा रहा था और दुनिया छोड़ देने की बात कह रहा था। ऐसे में वह कई बार उसे फटकार भी लगाई जिसे हंसकर टाल दे रहा था। उन्हें क्या पता थी कि अचानक बेटा इतना बड़ा कदम उठा लेगा और उनकी आंखों के सामने ही छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर लेगा।
लालपुर नगड़ा टोली में चलाता था कोचिंग, मैट्रिक के अलावा इंटर में कॉमर्स के विद्यार्थियों को देता था ट्यूशन
मृतक का भाई राजेश ने बताया कि लालपुर थाना क्षेत्र स्थित नगड़ा टोली में नरेश पिछले 7 वर्षों से कोचिंग चलाते थे। कोरोना काल से पहले कोचिंग की स्थिति काफी अच्छी थी लेकिन लॉकडाउन के बाद कोचिंग खुलने के बाद भी बच्चे पढ़ाई करने नहीं पहुंच रहे थे। राजेश ने यह भी बताया कि शुरुआती समय में सिर्फ मैट्रिक तक के बच्चों को कोचिंग में पढ़ाया जाता था लेकिन कोरोना काल से 3 वर्ष पहले से कॉमर्स संकाय के विद्यार्थियों को भी नरेश ट्यूशन देते थे। कोचिंग से ही मिलने वाले इनकम से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।
8 वर्ष का एकलौता बेटा ने दी मुखाग्नि, 2 वर्ष की बेटी पिता के मौत से थी अनजान
नरेश की मौत के बाद उनके 8 वर्ष का एकलौता बेटा कृष कुमार ने नामकुम स्वर्णरेखा नदी घाट पर देर शाम मुखाग्नि दी। वही 2 वर्ष की बेटी अपने पिता की मौत से पूरी तरह से अनजान थी। पति के मौत की सूचना के बाद पत्नी और मां लगातार बेहोश हो जा रही थी जिसे आस पड़ोस की महिलाएं संभालने का प्रयास कर रही थी।
तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था मृतक, पिता 7 वर्ष पहले राम लखन सिंह यादव स्कूल से हुए हैं सेवानिवृत्त
मृतक नरेश कुमार तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था और घर के सभी सदस्यों की जिम्मेवारी इन्हीं के कंधों पर था। नरेश कुमार की मौत के बाद एक गैस एजेंसी में मैनेजर के पद पर कार्यरत बड़े भाई को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा कि अचानक इस तरह की घटना कैसे हो गई। वही छोटे भाई राजेश एक अधिकारी का कार चलाकर अपना भरण-पोषण करते हैं। घटना के बाद से राजेश की भी स्थिति काफी खराब है और लोग उन्हें किसी तरह से संभाल रहे हैं। मृतक के पिता मुदेस्वर यादव 7 वर्ष पहले राम लखन सिंह यादव स्कूल से पियून के पद से रिटायर हुए हैं। पिता मुदेस्वर यादव को बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद काठ सा मार गया है।