झारखण्ड कैडर के वरीय आईपीएस अधिकारी एसएन प्रधान को एनसीबी का महानिदेशक बनाया गया
राँची।झारखण्ड कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एसएन प्रधान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का महानिदेशक बनाया गया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात एसएन प्रधान को राकेश अस्थाना के दिल्ली पुलिस कमीश्नर बनाए जाने के बाद एनसीबी का प्रभारी निदेशक बनाया गया था। अब उन्हें 31 अगस्त 2024 तक के लिए एनसीबी का नियमित निदेशक बनाया गया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से एसएन प्रधान एनडीआरएफ के डीजी के पद पर तैनात थे। एनडीआरएफ के डीजी का प्रभार उनसे लेकर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अतुल करवाल को दी गई है। एसएन प्रधान झारखण्ड में नक्सल अभियान को लेकर बेहतर नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। प्रधान लंबे अरसे तक राज्य में एडीजी ऑपरेशन के पद पर रहे थे। वहीं संयुक्त बिहार में वह कई जिलों के एसपी रह चुके हैं।
एसीसी से मंजूरी का निर्देश दिया गया था
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाद में संबंधित विंग को एसीसी (कैबिनेट की नियुक्ति समिति) की मंजूरी के लिए सत्य नारायण प्रधान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के महानिदेशक के पद पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त करने का निर्देश दिया. उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से और 31 अगस्त, 2024 को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख तक या अगले आदेश तक, ये आदेश प्रभावी रहेगा. गृह मंत्रालय ने प्रधान को एनडीआरएफ के महानिदेशक के पद से तत्काल मुक्त करने का भी अनुरोध किया है, ताकि उन्हें नया कार्यभार संभालने में दिक्कत ना आए।
एनसीबी क्यों है खबरों में?
एसएन प्रधान की नियुक्ति ऐसे वक्त में हुई है, जब एनसीबी काफी चर्चा में है. अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी के अधिकारियों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. एनसीपी नेता नवाब मलिक उन्हें लेकर आए दिन ट्वीट कर उनकी जांच पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जिसके चलते वानखेड़े के पिता ने मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है. मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि समीर वानखेड़े एक सरकारी अधिकारी हैं और कोई भी उनके कामकाज की समीक्षा कर सकता है