सिमडेगा:ग्रामीणों ने एक व्यक्ति की पहले हत्या की,शव को आग हवाले कर दिया
सिमडेगा।झारखण्ड के सिमडेगा जिले से सनसनीखेज घटना सामने आया है।जहाँ लकड़ी कारोबारी छपरीडीपा निवासी संजू प्रधान उर्फ भौवा को बेसराजारा बाजारडाँड़ के सामने स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस के पहुँचने से पहले किया सेंदरा।बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने पहले सेंदरा किया और फिर शव को जला दिया।वहीं सूचना पर घटनास्थल जा रहे पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने जाने नहीं दिया।बताया जा रहा है घटना होने की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस मूकदर्शक बनी रही। घटनास्थल पर भारी संख्या में ग्रामीणों का भीड़ जुटी थी।इसलिए मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की भीड़ होने की सूचना जिला मुख्यालय के दी गई।उसके बाद जिला मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस फोर्स घटनास्थल की ओर रवाना हुई ।
मिली जानकारी के मुताबिक संजू प्रधान उर्फ भौवा पूर्व में कई बार जेल जा चुका है और माओवादी संगठन से भी जुड़ा था। बेसराजरा में रहकर छोटी मोटी किराने की दुकान चलाता था।वहीं क्षेत्र में लकड़ियों का अवैध कारोबार किया करता था। इस बात को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी भी थी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसी बात को लेकर सेंदरा किया गया है। बताया गया कि बंबलकेरा पंचायत के कई गांव के हजारों की संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हुए थे।बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने दो बार बैठक करते हुए आरोप लगाया कि जंगल की लकड़ी को काटकर यह छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम खूंटकटी कानून का उल्लंघन करता है। जो की पूरी तरह से गलत है।वन विभाग भी इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करती है जबकि मुंडारी समुदाय खूंटकटि कानून के अनुसार वनों की रक्षा समुदाय के द्वारा की जाती है।
घटना के समय पत्नी भी कुछ दूर खड़ी थी
बताया गया कि घटना के वक्त संजू की पत्नी भी वहां 100 मीटर की दूरी पर थी। उसने लोगों को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन भीड़ नहीं मानी और उसकी आंखों के सामने ही पति को भीड़ ने मारकर जला दिया। इधर घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों ने रोक दिया। हालांकि बाद में कोलेबिरा के साथ-साथ ठेठईटांगर, बानो की पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाया। इसके उपरांत अग्निशमन विभाग भी मौके पर पहुंचा और जलती चिता पर पानी डालकर बुझाया। फिर पुलिस ने अधजले शव को जब्त किया।
मॉब लिंंचिंंग की है घटन
घटना स्थल पर पहुंचे एसडीपीओ डेविड ए डोडराय ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ ने लकड़ी तस्करी करने के आरोप में एक व्यक्ति को मारकर जला दिया है। यह मॉब लिंचिंग जैसा ही है। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है।आगे की कार्रवाई जारी है
खूंटकटी क्या है
खूंटकटी प्रथा के तहत जनजातीय समाज जंगल के पेड़ों को काटकर खेती योग्य भूमि बनाई जाती थी। इसमें कुछ वन एवं रैयती भूमि भी आती है। खूंटकटी पर लगान वसूलने का अधिकार खूंटकटी राजाओं को मिलता था। इसी अधिकार के लिए आज भी ग्रामीण अक्सर आंदोलन करते रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति गांव के प्रधान की इजाजत के बिना पेड़ काटता है तो इसे नियम विरुद्ध माना जाता है।