रेबिका पहाड़िन की कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ अंतिम संस्कार,डीसी-एसपी सहित भारी संख्या में लोग शामिल हुए….नए-नए खुलासे हो रहे हैं…
साहिबगंज।झारखण्ड के साहिबगंज के बोरियो की रेबिका पहाड़िन की मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। परिजनों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस शव यात्रा में जिले के उपायुक्त और एसपी भी शामिल रहे।रुबिका का शव पोस्टमार्टम के बाद सोमवार की शाम बोरियो थाना लाया गया था। शव रात भर थाने में रहा। आज मंगलवार दोपहर के करीब शव को ताबूत में रखकर गांव भेजा गया, जहां रुबिका के परिजन ताबूत को घेरकर फूट-फूटकर रोने लगे।बता दें रेबिका के पति और उसके परिवार वालों ने मिलकर उसकी नृशंस हत्या की थी।शव के कई टुकड़े किये थे।पुलिस के शव के टुकड़ों को बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद फॉरेंसिक जांच के लिए रिम्स भेज दिया था। यहां से फिर रेबिका शव एक ताबूत में रखकर मंगलवार को उसके परिवार वालों के पास पहुंचा।बता दें कि इस मामले में रेबिका का सिर अब तक पुलिस बरामद नहीं कर पायी है।इस मामले में आरोपी पति समेत उसके घरवालों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजन और प्रशासनिक पदाधिकारियों की मौजूदगी में ईसाई रीति-रिवाज से मंगलवार की दोपहर ताबूत में बंद रेबिका पहाड़िन का अंतिम संस्कार हुआ। एवेंजलिकल चर्च ऑफ इंडिया की ओर से संचालित बरहेट दलदली मिशन के तीन पादरी फास्टर रूबेन माल्तो, फास्टर बेंजामिन माल्तो और मर्कुस माल्तो ने ईसाई धर्म के अनुसार रेबिका के शव का अंतिम संस्कार कराया।अंतिम संस्कार में डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू, बोरियो बीडीओ, बोरियो थाना प्रभारी समेत कई पदाधिकारी और नेता शामिल हुए. सोमवार को रेबिका के खंडित शव का पोस्टमार्टम, फोरेंसिक जांच दुमका मेडिकल कॉलेज में हुई। पोस्टमार्टम के बाद सोमवार की देर रात खंडित शव को ताबूत में बंद बोरियो थाना लाया गया था।
नए नए खुलासे हो रहे हैं
झारखण्ड के साहिबगंज जिले में रुबिका उर्फ रेबिका पहाड़िन हत्याकांड में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक की जांच पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि आरोपियों ने शव की पहचान छिपाने के लिए उसका खाल तक उतार दिया था। अब तक मिले शवों के टुकड़ों में दाएं पैर का अंगूठा ही साबूत मिला जिससे पहचान हो सकी। अगर वह अंगूठा न मिला होता तो शव की पहचान के लिए डीएनए जांच के लिए भेजना होता। तब तक अपराधी फरार हो गए होते।
खबर के मुताबिक,शनिवार की शाम पैर का अंगूठा मिलने के बाद पुलिस ने सबसे पहले दिलदार के घर पर छापा मार सभी लोगों को उठाया। सख्ती से पूछताछ के बाद एक-एक कड़ी जुड़ती गयी। पांच से छह घंटे के अंदर पुलिस ने करीब-करीब मामले की गुत्थी सुलझा ली थी तथा एक को छोड़कर सभी आरोपियों को भी पकड़ लिया था। उधर, फरार मैनुल अंसारी की गिरफ्तारी के लिए दो टीम निकली हुई है, लेकिन उसने मोबाइल का प्रयोग भी बंद कर दिया है जिस वजह से उसे पकड़ने में परेशानी हो रही है।
पुलिस ने की लोहे की धारदार औजारें बरामद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,शव को स्टैंड किरानी मैनुल हक मोमिन के घर में उसके अलावा दिलदार के मामा मैनुल अंसारी ने टुकड़े-टुकड़े किया। दो दबिया (लोहे का औजार) भी पुलिस बरामद कर चुकी है। अब तक जांच में यह बात आयी है कि उसी से शव के टुकड़े किए गए। प्रारंभ में इलेक्ट्रिक कटर से शव काटने की बात सामने आयी थी, लेकिन वह अब तक नहीं मिला है।
घर में प्लास्टिक बिछाकर किए गए शव के टुकड़े
रुबिका की गला दबाकर हत्या दिलदार के मामा के घर मैनुल अंसारी के घर में की गयी। इसके बाद शव को दो-तीन घर बाद स्थित स्टैंड किरानी मैनुल हक मोमिन के घर ले जाया गया जहां उसके टुकड़े किए गए। सूत्रों की मानें तो दिलदार के मामा मैनुल अंसारी के घर में इतनी जगह नहीं थी कि शव के टुकड़े किए जा सके। स्टैंड किरानी मैनुल हक मोमिन के घर में प्लास्टिक बिछाकर उस पर शव रखा गया फिर उसके टुकड़े किए गए।