लोकतंत्र की ताकत:दस साल से रिक्शा चलाकर लोगों का दिल जीता,राहे पंचायत के लोगों ने कृष्णा को मुखिया बनाकर झारखण्ड के लोगों के दिल जीत लिया
राँची।झारखण्ड में पंचायत चुनाव चल रहा है।आम लोगों द्वारा गांव की सरकार चुन रहे हैं।राँची जिले के राहे पंचायत के विकास की जिम्मेदारी अब रिक्शा चालक के हाथ में होगी। राँची में रहकर करीब 10 साल तक रिक्शा चलाकर अपने परिवार की गाड़ी चलाने वाले कृष्णा पातर अब पंचायत के विकास की रफ्तार तेज करेंगे। गांव की सरकार का अब मुखिया बन गए हैं।
बता दें आजकल चुनाव में वोटरों को अपने पाले में करने व प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्याशियों को अपने स्तर से खर्च करने पड़ते हैं, मगर इस नवनिर्वाचित मुखिया कृष्णा पातर की कहानी अलग है। पैसे खर्च करना तो दूर इनका मनोबल बढ़ाने के लिए वोटरों ने ही चावल-दाल, गुड़ आदि दिए। जीत के बाद उनके समर्थकों ने ही माला खरीद कर उन्हें पहनाया।लोकतंत्र की ताकत:दस साल से रिक्शा चलाकर लोगों का दिल जीता,राहे पंचायत के लोगों ने कृष्णा को मुखिया बनाकर झारखण्ड के लोगों के दिल जीत लिया
पंडरा बाजार समिति प्रांगण में जीत के बाद कृष्णा पातर से पूछने पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बस इतना कहा, वे नहीं, उनका काम बोलेगा। कृष्णा ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निवर्तमान मुखिया कलावती देवी को 135 मतों से पराजित किया।
पिछली बार भी लड़ा था चुनाव, इस बार हुए सफल
कृष्णा पातर के बारे में बताया गया कि उन्होंने बीते पंचायत चुनाव में भी किस्मत आजमायी थी। मगर असफलता मिली। इस बार लोगों की मांग पर चुनाव लड़ा। पंचायत के लोगों ने ही तोहफे में चावल-दाल आदि दिए ताकि परिवार को खाने-पीने की दिक्कत न हो। मुखिया पद में खड़े अन्य प्रत्याशियों की आर्थिक स्थिति कृष्णा से काफी अधिक थी। उन्होंने जमकर प्रचार प्रसार करने में पूरी ताकत लगा दी। मगर वोटरों ने जीत का सेहरा कृष्णा के सिर बांधा।ग्रामीणो ने चंदा कर चुनाव लड़ने का पैसा और मोबाइल फोन दिया था।कृष्णा के मुखिया बनने से उनके समर्थक काफी खुश हैं।पैसों के बल चुनाव जीतने वाले के लिए सबक भी है।ईमानदार रहिएगा चाहे जिस हालात में रहें जनता उन्हें इसी तरह इनाम देगा।