माओवादियों का इलाका बूढ़ा पहाड़ पर बनेगा पुलिस कैंप
राँची। बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के इलाके में पुलिस कैंप बनेगा।नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ में पुलिस कैंप उन इलाकों में लगाया जाएगा। जहां पर माओवादी अपना कैंप चलाते थे। सुरक्षाबलों का कैंप लगाने की पहल के बाद जल्द ही बूढ़ा पहाड़ नक्सल मुक्त होगा। यह पुलिस कैंप बूढ़ा पहाड़ के झींकपानी, पीपरढाब और पुंदाग के इलाके में बनाया जाएगा। झारखण्ड और छत्तीसगढ़ राज्य मिलकर कैंप स्थापित करेंगे।गौरतलब है कि बीते दिनों सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ को घेर कर अभियान शुरू किया था।लेकिन बारिश के कारण अभियान को बंद करना पड़ा था।
झींकपानी के इलाके में माओवादी बड़ी बैठक कर अपना ट्रेनिंग कैंप चला रहे है
जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां को सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ के झींकपानी के इलाके में माओवादी बड़ी बैठक कर अपना ट्रेनिंग कैंप चला रहे है. इसी सूचना के बाद झारखण्ड और छत्तीसगढ़ की पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान शुरू किया था।इस अभियान में 40 से कंपनी से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था, लेकिन बारिश के कारण बंद किया गया।
माओवादी का मुख्य केंद्र है बूढ़ा पहाड़:
बूढ़ा पहाड़ माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है।इसे मुक्त कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। माओवादियों ने वर्ष 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को झारखंड-बिहार उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमांत एरिया स्पेशल कमिटी का मुख्यालय बनाया था. एक करोड़ के इनामी दिवंगत माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ा पहाड़ को अपना मजबूत ठिकाना बनाया था. पुलिस को सूचना मिली है कि 25 लाख के इनामी माओवादी सौरव उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में 40 से 50 की संख्या में माओवादी कैंप कर रहे हैं. इसी इलाके में माओवादी कमांडर नवीन यादव, रविंद्र गंझू, मृत्युंजय भुइंया, संतु भुइंया व छोटू खेरवार ने शरण ले रखी है. यहां से नक्सली अपनी रणनीति बनाते रहे हैं।