टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप की दोनों बीबियों को किया गिरफ्तार।
राँची। टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए ने गुरुवार को नक्सली दिनेश गोप की दोनों पत्नियों (शकुंतला कुमारी और हीरा देवी) को गिरफ्तार कर लिया है। बेड़ो थाना क्षेत्र के एसबीआई बैंक परिसर से नवम्बर 2016 में लेवी में वसूले गये 25.38 लाख रुपये को बेड़ो थाना पुलिस ने जब्त किया था। इसी मामले में दिनेश गोप की दोनों पत्नियों को एनआइए ने गिरफ्तार किया है।
दिनेश गोप अब भी फरार
मामले में एनआइए ने 11 आरोपियों के ऊपर चार्जशीट दायर की थी. जिनमें से कई आरोपियों को एनआइए गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. हालांकि इस मामले में अब तक दिनेश गोप फरार चल रहा है. दिनेश गोप की गिरफ्तारी के लिए एनआइए की टीम लगातार प्रयासरत है.
नोटबन्दी के दौरान हुआ था खुलासा
वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के बाद लेवी में वसूले गये 25.38 लाख रुपये कैश को पुलिस ने उस वक्त पकड़ लिया था जब उस ब्लैक मनी व्हाइट करने के मकसद से बेड़ो थाना क्षेत्र के रेखा पेट्रोलियम के एसबीआइ खाते में जमा कराने के लाया गया था. इस मामले में पुलिस ने बेड़ो थाना में 10 नवंबर 2016 को 17 सीएलए एवं यूपीए एक्ट के तहत कांड संख्या 67/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवायी थी.
एनआईए ने अबतक गुजरात के व्यवसायी समेत पांच को भेज जेल
बाद में एनआइए ने टेक ओवर करते हुए 16 जनवरी 2018 को स्पेशल कांड संख्या 2/18 के तहत दर्ज कर तफ्तीश जारी की थी. एनआइए ने 21 अक्तूबर 2019 को मामले में दिनेश गोप समेत 11 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में एनआइए अबतक सिंह मोड़ निवासी इंजीनियर जितेन्द्र कुमार, छतरपुर दिल्ली के नंदलाल सोनी, गुमला के सुमंत कुमार, गुजरात के टिंबर व्यवसायी नवीन भाई जयंती भाई पटेल, लापुंग के अरुण गोप को जेल भेज चुकी है. आरोपियों पर दिनेश गोप के नाम पर लेवी वसूली में सहयोग करने का आरोप है.
दिनेश गोप के ससुर समेत चार नक्सलियों ने अदालत में किया था सरेंडर
टेरर फंडिंग के मामले में पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के ससुर नंद किशोर महतो समेत चार नक्सलियों को अदालत ने बुधवार को बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार भेज दिया था. इससे पूर्व नंद किशोर महतो, विनोद कुमार, चन्द्रशेखर सिंह एवं मोहन कुमार उर्फ राजेश कुमार ने बुधवार को सरेंडर करते हुए एनआइए की विशेष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी. जहां से 7 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया गया .जमानत याचिका पर सुनवाई बाद में होगी.