नवरात्र 2022:आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन,माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा,आप सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं..

धर्म
नवरात्र 2022:नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माँ ब्रह्मचारिणी ज्ञान बुद्धि विवेक में वृद्धि प्रदान करती हैं। साथ ही व्यक्ति के कौशल को धार देती हैं और उसकी आंतरिक शक्ति को पैना करती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी को तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति प्राप्त होती है।

पुराणों और शास्त्रों में माँ ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है। ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण। माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को धैर्यय और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

माता ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर कन्या रूप में जन्‍म लिया था। भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए बहुत कठिन तपस्या की। इस कठिन तपस्या के कारण उनका नाम तपस्चारिणी यानि ब्रह्मचारिणी पड़ा।

किंवदंती के अनुसार, उन्होंने केवल फल और मूल खाकर एक हजार साल बिताए और सौ साल तक वे केवल शाक खाकर व्‍यतीत किए। कुछ दिनों तक कठोर उपवास रखते हुए, देवी ने खुले आसमान के नीचे बारिश और धूप के भयानक कष्टों को भी सहन किया।

नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद पूजा के लिए स्थान को साफ कर लें। माता को पंचामृस से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले आसन बिछाएं और फिर अपनी पूजा शुरु करें। सबसे पहले फूल, अक्षत, चंदन, फल, रोली, लौंग, सुपारी और पान आदि मां को भेट करें। इसके बाद मां को भोग भेट करें। बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी का पसंदीदा भोग चीनी और मिश्री है। आपको बता दें की मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहने।

माँ ब्रह्मचारिणी पूजा का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

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