कोरोना के दहशत से सरकार के आग्रह पर कडरू शाहीनबाग 5 अप्रैल तक खाली
राँची। सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ 20 जनवरी 2020 से चल रहे महिलाओं का कडरू शाहीनबाग में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन आज 20 मार्च 2020 को 61 वे दिन भी जारी रहा। झारखण्ड सरकार के संसदीय कार्य मंत्री श्री आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, मंत्री रामेश्वर उरांव ने धरना में बैठी महिलाओं को अपने निवास स्थान पर बुलाकर महिलाओं से पिछले 60 दिनों से चल रहे धरना प्रदर्शन की पूरी जानकारी ली। और तीनों मंत्रियों ने महिलाओं को आश्वस्त कराया के हमारी सरकार आप के इस धरना प्रदर्शन के साथ है। धरना प्रदर्शन आप का संवैधानिक अधिकार है हम आपको इस बात का आश्वासन देते हैं कि आपकी मांग राज्य में एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जो मांग है उसे हमारी सरकार आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा में प्रस्ताव पास कर देगी। हमारा ड्राफ्ट भी तैयार है।
तीनों मंत्रियों ने कहा कि करोना वायरस जिस तेजी से विश्व समेत हिंदुस्तान में फैल रहा है आने वाले दिनों में राज्य और देश में इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित न किया जाए। इस फैलते हुए महामारी को देखते हुए देश और राज्य हित में इसे रोकना अनिवार्य है। आप महिलाएं पिछले 60 दिनों से बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। आपसे अनुरोध है कि आप इस करोना वायरस को देश एवं राज्य हित में अपने आंदोलन को 5 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दें। ताकि लोग एक जगह इतनी बड़ी संख्या में जमा ना हो सके। करोना वायरस को बढ़ने से रोका जा सके। जिसके लिए हमारी सरकार आपका शुक्रगुजार रहेगी।
धरने पर बैठी महिलाओं ने अपने माननीय मंत्रियों के आग्रह को स्वीकार करते हुए तथा आने वाले दिनों में सरहुल रामनवमी के पर्व को आपसी भाईचारे की सौहार्द से मनाने के उद्देश्य और अपने महावीर मंडल के सदस्यों के अनुरोध पर धरने को 5 अप्रैल तक स्थगित करने का निर्णय लिया। महिलाओं ने कहा कि करोना वायरस पर हम झारखंड सरकार के साथ हैं।
हम अपने माननीय मंत्रियों के आग्रह को स्वीकार करते हुए अपने धरना प्रदर्शन को 5 अप्रैल तक के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है।वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने 1 दिन पूर्व कडरू शाहीन बाग में बैठे महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था झारखंड सरकार 2 से 4 दिन के अंदर एनपीआर के खिलाफ अन्य राज्यों की तरह विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगी अतः आपसे अनुरोध है कि झारखंड सहित पूरे देश में करोना वायरस के महामारी से निपटने के लिए इस धरना को समाप्त किया जाए। ज्ञात हो कि 5 अप्रैल को एक बैठक करने का निर्णय लिया गया। उस बैठक में नए सिरे से धरने को शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।