राँची के होटवार जेल में शिफ्ट हुई झामुमो की राजनीति, हेमंत सोरेन से सीएम चंपाई सोरेन ने की मुलाकात, कल है विधायक दल की बैठक….
राँची।लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद झामुमो की राजनीति होटवार जेल में शिफ्ट हो गई है।झामुमो को गांडेय विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के अलावा कोटे में आने वाली लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करनी है।जाहिर है कि यह फैसला पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की सहमति के बिना संभव नहीं है। लिहाजा, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और मंत्री बसंत सोरेन ने आज होटवार जेल में हेमंत सोरेन से मुलाकात की है।
मिली जानकारी के अुनसार दोनों के बीच चुनाव से जुड़ी रणनीति पर चर्चा हुई है। यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि 5 अप्रैल को सीएम आवास पर झामुमो विधायक दल की बैठक बुलायी गई है।सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में स्थानीयों को ही प्राथमिकता मिले।संभावना जतायी जा रही है कि पार्टी कल प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है।इससे पहले भी सीएम चंपाई सोरेन होटवार जेल में हेमंत सोरेन से मुलाकात कर चुके हैं।
इस मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि आज यानी 4 अप्रैल को हजारीबाग में झामुमो का स्थापना दिवस भी मनाया जाना है।इसमें पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी शामिल होंगे। हजारीबाग में तैयारी पूरी कर ली गई।इससे पहले गिरिडीह में चार मार्च को आयोजित पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में पहली बार कल्पना सोरेन खुले तौर पर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचीं थी। उन्होंने भावनात्मक रुप से अपनी बात भी कही थी।
इसके बाद कल्पना सोरेन मुंबई में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के समापन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ रामलीला मैदान में आयोजित इंडिया ब्लॉक की रैली में भी शामिल हो चुकी हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि गांडेय उपचुनाव का रिजल्ट आने के बाद झारखण्ड की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
एक पक्ष का मानना है कि हेमंत सोरेन कतई नहीं चाहेंगे कि सत्ता की कमान उनसे दूर रहे। इसलिए संभव है कि कल्पना सोरेन को सीएम बना दिया जाए।हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन ऐसा करने से बचेंगे। क्योंकि इतनी जल्दी सत्ता परिवर्तन करने से वोटरों में गलत मैसेज जा सकता है। वैसे 31 जनवरी को लैंड स्कैम मामले में ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन जिस तरीके से राजनीति में सक्रिय हुई हैं, उससे कयासों का बाजार गर्म है।