Jharkhand:76 दिन बाद अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू,राज्य से बाहर आने जाने वाले यात्रियों को राहत मिली है
राँची।राजधानी राँची समेत राज्य के प्रत्येक जिलों से 76 दिनो बाद अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शनिवार से शुरू हो गया।जिसके बाद बिहार के भागलपुर, नवादा, गया, औरंगाबाद सहरसा, पूर्णिया सहित बंगाल के कोलकाता समेत कई शहरों से आने जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। सरकार के इस फैसले के बाद बस संचालकों में खुशी देखी जा रही है। सुबह राँची ,धनबाद, जमशेदपुर, देवघर,दुमका समेत कई जिले से बिहार और बंगाल के लिए बस खुली।जिसमें यात्रियों के साथ साथ बस मालिकों,ड्राइवरों अन्य कर्मचारियों में खुशी देखी गई।हालांकि जानकारी के अभाव में यात्री बस पड़ाव तक नहीं पहुंच पाए जिसके कारण कई रूटों पर बस का परिचालन नहीं हो पाया।आज कम ही बस चल रहे हैं लेकिन बस संचालक यात्रियों के आने की उम्मीद कर रहे हैं। संचालकों का कहना है कि अभी यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं मिली हैजानकारी मिलते हैं यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी।बता जाता है कि राँची,धनबाद,जमशेदपुर, बोकारो गिरिडीह, देवघर, दुमका हजारीबाग,रामगढ़,गुमला समेट कई जगहों से सैकड़ों बस बिहार,बंगाल,ओड़िसा,छतीसगढ़,मध्यप्रदेश समेत विभिन्न रूटों पर चलती है। बताते चलें कि इसके पूर्व केवल राज्य के अंदर ही बसों के परिचालन की अनुमति दी गई थी पर अब राज्य के बाहर भी बसों का परिचालन शुरू हो जाने से बस संचालक काफी राहत महसूस कर रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से बस संचालकों को काफी राहत मिली है।
पिछले ढाई माह से परिवहन व्यवस्था पर लॉकडाउन लगा हुआ था।
कोरोना महामारी के कारण अंतरराज्यीय बस सेवा तथा राज्य के अंदर चलने वाले सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगी हुई थी। सिर्फ ऑटो को जिले में और टैक्सी को जिले से बाहर परिचालन की अनुमति है। तीन माह से राज्य में लॉक डाउन है। वही 16 मई से जिले भर की बसे बस स्टैंड में खड़ी है। भले ही बसें सड़कों पर नहीं चल रही है, लेकिन बिना चले ही इन बसों का रोड टैक्स चुकाना पड़ रहा था। इस बार सरकार रोड टैक्स को लेकर किसी प्रकार की रियायत देने की बात भी नहीं कर रही है। पिछले वर्ष लॉकडाउन में छह माह के लिए रियायत दी गई थी।बस मालिकों के कहना है अधिकांश बसें लोन पर होती है। बैंक की तरफ से भी लोन को लेकर काफी दबाव है। लेकिन अब सरकार ने बसों के परिचालन की अनुमति दी है जिसके बाद संचालक रोड टैक्स इंश्योरेंस तथा बैंक लोन सहित अन्य जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।बस मालिकों के कहना था कि हर तिमाही 9 हजार का रोड टैक्स जमा करना पड़ता है। अगर एक तिमाही फेल हुई तो दूसरी तिमाही में 200 प्रतिशत की फाइन के साथ टैक्स जमा करना पड़ता है। इसके अलावा इंश्योरेंस के लिए अलग से प्रति बस कम से कम 24 से 25 हजार रुपए तिमाही जमा करना पड़ता है।अब बस परिचालन करने की अनुमति सरकार ने शर्तों के साथ दे दी है।