Jharkhand:नदी में पुल बनाने की मांग को लेकर महिलाओं ने की जल सत्याग्रह…गहरे पानी में उतरी महिलाएं…
–नदी में पुल नहीं होने से बीमार पति के लिए दवा लाने जाने के क्रम में वृद्ध महिला सुको सोरेंग की नदी के पानी में बह जाने से गई थी जान
–ढोलवीर नदी में पुल बनाने की मांग को लेकर जल सत्याग्रह करने को मजबूर बरटोली के आम ग्रामीण
सिमडेगा।झारखण्ड के सिमडेगा जिले में नदी के बीचों-बीच खड़े होकर एक स्वर में सभी ग्रामीण पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए कहा कि पुल नहीं बनाया गया तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।ग्रामीणों का सरकार से सवाल आखिर कितने लोगों की जानों की कुर्बानी देनी होगी तब बनाएगी सरकार पुल।ग्रामीण जनता दरबार, प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन, कोलेबिरा क्षेत्र के स्थानीय विधायक, खूंटी लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह जनजातिय मामलों के केंद्रीय मंत्री सभी को समस्याओं से अवगत कराकर आवेदन दे दे कर थक चुके हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जन प्रतिनिधि हो या प्रशासनिक पदाधिकारी सभी लोग आते हैं और बस आश्वासन देते हैं, पर पुल बनाने की कवायद अभी तक शुरू नहीं हुई।
कई वर्षों से पुल की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
19 मार्च 2023 को खूंटी लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा के तीन दिवसीय दौरे में जनसंवाद कार्यक्रम में बरसलोया ग्राम पहुंचे थे। तब गांव के बच्चे बूढ़े महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर पुलिया की मांग कर रहे थे।इसी पुल की मांग के लिए केंद्रीय मंत्री सांसद अर्जुन मुंडा का काफिला भी रोका गया था, तब अर्जुन मुंडा ने ग्रामीणों का अभिवादन स्वीकार करते हुए पुल बनाने का आश्वासन दिया था।
24 मई 2023 को बरटोली क्षेत्र के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ग्राम पहुंचे थे। तब उन्होंने ग्रामीणों की समस्या सुन कहा था कि गांव में सरकार की सुविधा पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। बरसलोया आरईओ रोड से सरना टोली से बरटोली गांव पथ पर ढोलबीर नदी पर तीन स्पेन का पुल बनाने के लिए अनुशंसा करते हुए अविलंब बनवाने की बात की थी।
पुल नहीं होने से कई सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं बरटोटोली वासी
पुल नहीं होने से टापू में रहते हैं बरटोली वासी। शिक्षा पर भी पड़ता है बुरा असर।नदी में अधिक पानी के कारण बच्चे स्कूल नही जा पाते हैं। बरसात से पहले ही एक महीने का राशन पानी का जुगाड़ करते हैं ग्रामीण।
छात्रा दामिनी कुमारी ने कहा कि कल सुको सोरेंग अपने पति बुधुवा सोरेंग के लिए दवा लेने के लिए इसी नदी से पार होकर जा रही थी इसी क्रम में अत्यधिक पानी के बहाव के कारण उसकी मृत्यु हो गई।ढोलवीर नदी में पुल नहीं होने के कारण हमें काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है राशन पानी खत्म हो जाने से हमें बहुत मुश्किल होती है बरसात का मौसम पहुंचते ही हमें एक महीना पहले ही राशन पानी जुगाड़ करना पड़ता है।
2024 में आगामी चुनाव होने वाला है चुनाव से पहले हमें यहां पुल चाहिए अगर यहां पुल नहीं बना तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगें। इसी जल में सत्याग्रह करेंगे सभी ग्रामीण मिलकर आंदोलन करेंगे हम लोग। वह भावुक होकर कहती है कि हमें बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है पानी भर जाने से बहुत ज्यादा दिक्कत होता है हमें। सरकार कृपया हमारी मांगों को सुने और हमें इस समस्या से निजात दिलाए।बीते 19 मार्च को सांसद अर्जुन मुंडा आए थे उनको हम लोगों ने रास्ते में रोक कर समस्या स्वागत करते हुए ज्ञापन सौंपा था और वह आश्वासन दिए थे कि पुल बनाया जाएगा, क्षेत्र के विधायक विक्सल कोंगाड़ी भी आए थे वो भी देख कर चले गए पर अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया। इस पुल के निर्माण के लिए हम लोग जनता दरबार,आम सभा प्रखंड प्रशासन,जिला प्रशासन और सभी जनप्रतिनिधियों का आवेदन दे देकर थक चुके हैं अभी तक कुछ भी सुनवाई नहीं हो पाया है हमारी मांगे हैं हमारे यहां पुल बनाया जाए
नदी के बीच बहती धार में खड़े होकर वृद्ध माइकल सोरेंग बताते हैं कि पुल नहीं होने के कारण हमें इतना ज्यादा दिक्कत है कि हमारा आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है,गले तक पानी भर जाता है ऐसे में बच्चे कैसे स्कूल जा पाएंगे जब कम पानी होता है तब साइकिल ढोकर हम पर होते हैं बच्चों को भी ढोकर पार किया जाता है तत्पश्चात हम अभिभावक गण स्कूल के छुट्टी होने का इंतजार करते हैं की कब बच्चे आएंगे नदी में कितना पानी है पर करने सकेंगे कि नहीं इसकी चिंता हमें प्रतिदिन सताती है। जब मैं स्वयं बीमार था उसे समय भी मुझे भी प्राथमिक इलाज के लिए ढोकर पर कराया गया था क्योंकि एंबुलेंस यहां तक नहीं पहुंच पाती है जिस कारण जितने भी लोग यहां बीमार होते हैं बारिश के दिन में उसे ऐसे ही ढोकर पर कराया जाता है। अभी तो मैं बूढ़ा हो गया जब मैं छोटा था उसी समय से यहां से पुल की मांग की जा रही है कई नेता, जनप्रतिनिधि,पत्रकार आए गए, समस्या को सुना देखा पर आज तक हमें पुल नहीं मिला न जाने कब हमें मिलेगी पुल, हम तो जनता हैं बताइए कोई नेता अभी आएंगे तो इस नदी में पर होंगे। चुनाव का टाइम जब आएगा तब बोलेंगे वोट दीजिए आपका काम हो जाएगा लेकिन कहां काम हो रहा है। हमारे यहां पुल की अत्यधिक आवश्यकता है पहले हमारे यहां पुल बनाया जाए हमारे यहां समस्या का समाधान हो तभी हम वोट देंगे।
सेविका प्रेमशिला सोरेंग ने कहा कि सुको सोरेंग पहली ऐसी महिला नहीं है जिसकी इस नदी में बह जाने से मृत्यु हुई है इससे पूर्व भी तीन-चार लोगों की जा जा चुकी है, एक चैतन्य सिंह थे वो भी बाजार जाने के दरमियान उनकी मृत्यु हुई थी। सरकार से कई बार मांग किए हैं फूल को लेकर आवेदन दे देकर थक गए हैं हम, क्षेत्र के विधायक विक्सल कोंगाड़ी, सांसद अर्जुन मुंडा,जनता दरबार,आम सभा सभी जगह पर समस्याओं का अवगत कराते हुए आवेदन दिए हैं पर कहीं भी हमारी सुनवाई नहीं होती किसी भी प्रशासनिक पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान हमारी समस्याओं पर आकृष्ट नहीं होता। और एक घटना के बारे में बताते हुए कहती हैं कि एक गर्भवती महिला थी जो चार माह के गर्भ से थी जिसका गर्भपात हो गया था उसको कोलेबिरा अस्पताल ले जाना था एंबुलेंस तो आई पर नदी में पानी होने के कारण हम कुर्सी में बैठाके उसको ढोके नदी पार कराकर सड़क तक ले गए जहां एम्बुलेंस से इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
रिपोर्ट:रिंकू जी,सिमडेगा