Jharkhand:छह साल पूर्व हुई हत्या मामले में मंत्री के भाई समेत सात लोगों को हत्या का दोषी मानते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बोकारो/बेरमो।छह साल पूर्व 20 मार्च 2014 को संतोष पांडेय नामक युवक की हत्या मामले में मंगलवार को तेनुघाट कोर्ट ने सजा सुना दी।राज्य के मंत्री जगरनाथ महतो के भाई बैजनाथ महतो सहित सात दोषियों को हत्यारा मानते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने हत्यारों पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।यहाँ बता दें 25 वर्षीय संतोष की प्रेम करने के आरोप में जनता अदालत लगा कर पिटाई की गयी थी, जिससे कारण उसकी मौत हो गयी थी।
क्या था मामला ?
घटना में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नावाडीह थाना क्षेत्र का अलारगो ग्राम निवासी युवक संतोष पांडेय एक लड़की को ट्यूशन पढ़ाया करता था। संतोष भंडारीदह के आदिवासी शिशु मंदिर में शिक्षक भी था। ट्यूशन पढ़ाने के दौरान संतोष और लड़की एक-दूसरे को चाहने लगे. परिवार और समाज को भनक लगती, इसके पहले संतोष लड़की को लेकर चेन्नई भाग गया. गांव के कई युवक वहां रहते थे।लड़की के घरवालों को दोनों के चेन्नई में होने की खबर मिल गयी। दोनों को वहां पकड़ लिया गया और गांव लाया गया. संतोष ने मरने के पूर्व बताया था कि प्रेमिका की जिद पर ही वह उसे वहां ले गया था।गांव से जो लोग उन्हें लाने के लिए चेन्नई गये, उन्होंने रास्ते में उसे प्रताड़ित किया था। खाना-पानी तक नहीं दिया गया था। उसकी प्रेमिका को गांव पहुंचने के पहले ही गाड़ी से उतारकर किसी रिश्तेदार के घर भेज दिया गया था।
मृतक के बड़े भाई ने दर्ज कराया था केस
संतोष के बड़े भाई अनंत लाल पांडेय की शिकायत पर नावाडीह थाने में कांड संख्या 55/2014 के तहत मामला दर्ज किया गया था।अनंत के अनुसार गांव में जनता दरबार लगाकर संतोष पांडेय को पिटाई की गयी थी. मंत्री जगरनाथ महतो के भाई बैजनाथ महतो की अगुवाई में उसके भाई को अमानवीय यातना दी गयी पिटाई से बेहोश हुए भाई को डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाक के क्रम में उसकी मौत हो गयी।
34 गवाहों ने दर्ज कराया बयान
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 34 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण डे, कुमार अनंत मोहन सिन्हा एवं अरुण कुमार सिन्हा ने अदालत में बहस की.
तेनुघाट कोर्ट ने सुनाया फैसला
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने मामले की सुनवाई की और बैजनाथ महतो के अलावा गणेश भारती, नेमी पुरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी एवं केवल महतो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. तीन अन्य अभियुक्तों सत्येन्द्र गिरि, मेहलाल पुरी एवं सूरज पुरी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है. बैजनाथ महतो पहले से ही तेनुघाट जेल में बंद है।अन्य छह को दोषी ठहराये जाने के बाद 7 जनवरी को ही हिरासत में ले लिया गया था।