Jharkhand:आईईडी बलास्ट में जवान के शहीद होने के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा पहुंचे लोहरदगा
राँची।आईडी बलास्ट में जवान के शहीद होने के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा बुधवार को लोहरदगा पहुंचे है।डीजीपी के साथ एडीजी ऑपरेशन नवीन कुमार सिंह और आईजी ऑपरेशन साकेत कुमार सिंह है।यहां पर इन अधिकारियों द्वारा घटना स्थल के आसपास का मुआयना कर नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पुलिसिया कार्रवाई की रणनीति तैयार की जा रही है।गौरतलब है कि मंगलवार को लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती उग्रवाद प्रभावित सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के जुड़वानी-चपाल के बीच लोहरदगा-गुमला जिले के सीमावर्ती चपाल जंगल में आइईडी ब्लास्ट में सैट-3 के जवान दुलेश्वर प्रसाद के शहीद हो गए थे।
पुलिस के वरीय अधिकारियों ने सेरेंगदाग थाना परिसर में बैठक करते हुए नक्सलियों की धर-पकड़ को लेकर योजना और अभियान की रणनीति बनाई। बैठक के दौरान डीजीपी ने घटनास्थल के आसपास और सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पुलिसिया कार्रवाई की रणनीति तैयार की है। डीजीपी के साथ पुलिस के आला अधिकारी सतर्कता के साथ जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी की योजना पर काम कर रहे हैं।
डीजीपी ने बैठक के बाद कहा कि घटना बेहद दुखद और नक्सलियों की कायरतापूर्ण कार्रवाई है। पुलिस मामले को लेकर गंभीर है। हम नक्सलियों को करारा जवाब देंगे। अभियान को गति दी जाएगी। पुलिस फिलहाल अभियान और योजना को लेकर कोई खुलासा नहीं कर सकती है। शहीद जवान के आश्रित को मुआवजा देने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जवान के आश्रित में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 45 लाख रुपये की बीमा की राशि, 25 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान, सेवाकाल के वेतन में से तीस लाख रुपये सहित कुल एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आश्रित को दी जाएगी।
डीजीपी ने पुलिस के अधिकारियों को नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़ा अभियान चलाने का निर्देश दिया है। बता दें कि मंगलवार को नक्सल विरोधी अभियान पर निकली सुरक्षा बलों की टीम को नक्सलियों ने निशाना बनाया था। भाकपा माओवादी नक्सली संगठन द्वारा चपाल जंगल में लगाए गए आइईडी की चपेट में आने से सैट-3 के जवान दुलेश्वर परास घायल हो गए थे। लोहरदगा से एयरलिफ्ट कर मेडिका अस्पताल पहुंचाने पर सैट के जवान को जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। शहीद सैट-3 का जवान दुलेश्वर परास गुमला जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के कटिंबा गांव निवासी दशरथ परास का पुत्र था। दुलेश्वर वर्ष 2012 में पांच नवंबर को सैट-3 में भर्ती हुआ था।
10 लाख ईनामी रविंद्र गंझू के दस्ते के मूवमेंट की सूचना पर चलाया गया था अभियान:-
पुलिस के वरीय अधिकारी को सूचना मिली थी कि 10 लाख ईनामी रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ किसी घटना का अंजाम देने की योजना बना रहा है. सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों के द्वारा सर्च अभियान चलाया गया इसी दौरान जंगलों में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईडी के चपेट में आने से एक जवान घायल हो गए. जवान को रांची लाया गया जहां जवान की मौत हो गई.
गौरतलब है इससे पहले 30 अक्टूबर 2020 को लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट किया था. जिसमे दो पुलिस के जवान घायल हो गए थे. नक्सलियों के द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगलों में जगह-जगह आईडी लगाया गया है. इसके चपेट में आने से सुरक्षा बल और ग्रामीण भी घायल हो रहे हैं.
तीन जिलों की पुलिस के लिए चुनौती बना है कुख्यात नक्सली रविंद्र गंझू:-
लातेहार में हुए नक्सली हमले ने एक बार फिर नक्सल अभियान को सवालों के घेरे में ला दिया है. वहीं तीन जिलों की पुलिस के लिए सरदर्द बन चुका रविंद्र गंझू अबतक गिरफ्त से बाहर है. लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला बांझीटोला का रहने वाला भाकपा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर और 10 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली रविन्द्र गंझू लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिले में पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है.इन तीनों में जिला में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है. बता दें कि रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हुई. इन मुठभेड़ में रविंद्र गंझू घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहता।