#हेमन्त है तो हिम्मत है:झारखण्ड की सरकार का सबसे प्रमुख और प्रचलित नारा है,इसी नारे को आज बुलंद किया है एक प्राइवेट स्कूल के प्रबंधक..

घुटने पे सरकार !

राँची/बोकारो:रखण्ड की सरकार का सबसे प्रमुख और प्रचलित नारा है “हेमन्त है तो हिम्मत है”। इस नारे से हमारा कोई विरोध नहीं है लेकिन जब कथनी और करनी में काफी अंतर दिखे तो सवाल उठाना लाजमी है और अाज तो जो हुआ उसने इस सरकार के हिम्मत पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया? साथ ही साथ यह भी स्पष्ट हो गया की सरकार के खिलाफ खड़े होने और उसके आदेश की धज्जियां उड़ाने की हिम्मत यहां के निजी स्कूलों में है और इतनी है कि सरकारी आदेश की अवहेलना करने के क्रम में उस विभाग के मंत्री को ही घुटने पे ला खड़ा किया।जिसके विभाग के आदेश की धज्जियां वह स्कूल उड़ा रहा था। और सरकार के मंत्री ने अपने ही आदेश की अवहेलना करने में उसका एक तरह से सहयोग ही किया।

आपको बता दे कि कोरोना काल में राज्य के शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो ने एक आदेश दिया था कि राज्य के सभी निजी स्कूल केवल ट्यूशन फीस लेंगे। अगर कोई अभिभावक स्कूल फीस जमा करने में देरी करता है तो भी उस छात्र को न ही क्लास करने से रोका जायेगा और ना ही परीक्षा देने से। साथ ही कोई स्कूल फीस भी नहीं बढ़ाएगा।
टाइगर के नाम से विख्यात मंत्री जी की नातिन रिया उनके गृह जिले बोकारो के चास स्थित DPS स्कूल की चौथी क्लास की छात्रा है। उसका अप्रैल से अगस्त 2020 का फीस करीबन 22,800 रुपए बाकी थे।स्कूल ने जमा करने का निर्देश दिया। खुद मंत्री जी ने स्कूल प्रबंधन से बात की और कहा कि जल्द ही जमा हो जायेगा।स्कूल ने थोड़ा इंतजार किया और फिर साप्ताहिक परीक्षा से रिया को वंचित करते हुए उसे ऑनलाइन क्लास से भी बाहर कर दिया।खबर यह भी है कि स्कूल ने फीस बढ़ोतरी भी की है।

स्कूल की इस कार्रवाई के बाद अाज मंत्री जी स्कूल पहुंचे और फीस जमा किया।पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं देखने आया था कि सरकार के आदेश का कैसा पालन हो रहा है? उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया। जब खुद शिक्षा मंत्री अपनी नातिन को निजी स्कूल के कहर से नहीं बचा पाये और खुद ही प्रताड़ित हो गए तो राज्य की जनता कितनी प्रताड़ित होती होगी क्या अब भी समझना शेष है?देखना यह है कि आज एक निजी स्कूल के समक्ष घुटने पे बैठी सरकार क्या, कल किसी प्रकार की कार्रवाई कर “हेमन्त है तो हिम्मत है” जैसे नारे को सार्थक कर पाती है या नहीं?

सौजन्य:बोकारो अपडेट

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