फर्जी आईएएस मामला:झारखण्ड विधानसभा के आप्त सचिव की संलिप्तता सामने आई,विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर किया गया निलंबित
राँची।पिछले दिनों अशोक नगर से एक फर्जी महिला आइएएस को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।फर्जी तरीके से आईएएस बनकर अशोक नगर में रहने वाली कुमारी मोनिका को झारखण्ड भवन दिल्ली में कमरा आवंटित किया गया था। इस फर्जीवाड़ा में झारखण्ड विधानसभा के आप्त सचिव पंकज कुमार की संलिप्तता सामने आई थी। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें अब केवल अगले आदेश तक जीवन भत्ता निर्वाह के रूप में मिलते रहेगा।फर्जी आइएएस के मामले में आप्त सचिव का नाम जुड़ने से मामला में कहानी कुछ लगने लगी है।अब पुलिस की जांच में और क्या क्या खुलासे होंगे आगे आगे क्या कार्रवाई होती है।क्योंकि एक महिला फर्जी आईएएस बनकर सब सुविधा ले रही थी आखिर इसके पीछे कौन कौन हैं अभी राज खुलना बांकी है।
आपको बता दें कि राँची के सबसे पॉश इलाके अशोक नगर में आईएएस बनकर रह रही मोनिका की कहानी अपने आप में बेहद दिलचस्प है। पिछले कई वर्षों से आईएएस की परीक्षा की तैयारी कर रही मोनिका को कामयाबी भले नहीं मिली, लेकिन उसने खुद से आईएएस अफसर का रुतबा जरूर ओढ़ लिया। उसने वो तमाम इंतजाम कर रखे थे कि एक आईएएस के तौर पर रौब-दाब में कोई कसर बाकी न रह जाए। बॉडीगार्ड, रसोईया, ड्राइवर, नेम प्लेट, मुहर और लेटरपैड- सब कुछ जुटा रखा था उसने। खुद को जमशेदपुर में पोस्टेड असिस्टेंट कलेक्टर बता कर अशोक नगर में एक डॉक्टर का मकान किराए पर ले रखा था। पर उसे शायद ही इस बात का इल्म रहा हो कि कुछ ही दिनों में उसकी पोल खुल जाएगी।
बता दें फर्जी आईएएस मोनिका मोनिका को 23 जुलाई को अरगोड़ा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि मोनिका फर्जी आईएएस बन कर मकान संख्या C/06 में रह रही थी। यह डॉक्टर डीके राय का है। जिस घर में रह रही थी उस घर पर मोनिका ने अपना नेम प्लेट लगा रखी थी। मोनिका ने अपने घर के मालिक डीके राय को बताया था कि वह प्रशिक्षु आईएएस अफसर हैं और फिलहाल उसकी तैनाती जमशेदपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में है। डॉ डीके राय को मोनिका की गतिविधियां संदिग्ध लगी। कई बार पूछताछ करने पर मोनिका उन्हें यही बताती कि फिलहाल वह छुट्टी पर हैं, इसलिए जमशेदपुर नहीं जा रही हैं। शक होने पर मामले की जानकारी अरगोड़ा थाने को दी गई थी।डीके राय ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा 2020 बैच की अधिकारी बनकर एक युवती रह रही है, लेकिन वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रतीत नहीं होती है। अक्सर युवती अपने साथ दो-तीन लोगों को लेकर घूमती है और उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही गाड़ी में झारखंड सरकार का लोगो भी लगा है, लेकिन उसका आचरण संदिग्ध है। अरगोड़ा थाना प्रभारी ने विनोद कुमार ने अपने वरीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी थी और फिर मामले की जांच शुरू किया गया।अरगोड़ा थाने की पुलिस पिछले 2 दिन से रेकी कर रही थी। रेकी करने पर अरगोड़ा थाना प्रभारी को मोनिका के गतिविधियों पर शक हुआ था।