2.50 लाख रुपए की ठगी के मामले में असम के साइबर अपराधी को सीआईडी ने किया गिरफ्तार
राँची। ढाई लाख रुपए की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को सीआईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार साइबर अपराधी गणेश मंडल असम के मारीगांव जिला के साकिन बेलीगुडी रोड, पालीगुडी का रहने वाला है।उसने राँची के कांके रोड के रहने वाले अवध पोद्दार के बैंक खाते से 2.50 लाख रुपए की अवैध निकासी कर ली थी।जिसके बाद अवध ने साइबर थाना में मामला दर्ज कराया था।जिसके बाद सीआईडी ने मामले की जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।ठगी किये हुए पैसों में से 1.30 लाख रूपया वादी के खाते में पूर्व में ही रिकवर करा दिया गया था।
बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन को क्लोन करके की थी ठगी
अवध पोद्दार के बैंक खाता से इनके ही खाता से लिंक्ड बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन को क्लोन करके AEPS (Aadhaar Enabled Payment System ) का दुरुपयोग कर Point of Sale (POS) मशीन के माध्यम से पैसे की निकासी कर ली गयी। इस अपराध को करने के लिए साइबर अपराधियों द्वारा Fino payment Bank में फर्जी दस्तावेज का प्रयोग करके Banking Correspondent / Bank Mitra का खाता खुलवाया गया और क्लोन फिंगरप्रिंट का उपयोग करके विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर लिए गए थे।
जाने कैसे करते है ठगी
ऐसे कई सरकारी विभाग हैं जो लोगों के व्यक्तिगत विवरण जैसे biometrics (thumb impression, iris scan) लेते हैं, और फिर उन्हें ऑनलाइन अपलोड करते हैं। इस अपराध को करने के लिए साइबर अपराधी डुप्लिकेट सिलिकॉन थंब बनाने के लिए विभिन्न वेबसाइटों पर अपलोड किये गए लोगों के बायोमेट्रिक थंब इम्प्रेशन को बटर पेपर के माध्यम से अंगूठे के निशान की नकल करते हैं।इसके बाद आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाता नंबरों को शॉर्टलिस्ट करते हैं और फर्जी
दस्तावेज जमा करके किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बैंक मित्र / Banking correspondent / CSP (Customer Service Point) एजेंट का खाता खुलवाते है। एक बार ऑनलाइन खाता बन जाने के बाद, वे बायोमेट्रिक डिवाइस और क्लोन किए गए रबर फिंगरप्रिंट का उपयोग करके POS machine के माध्यम से पैसे की निकासी या अन्य बैंक खातों में पैसो का हस्तांतरण करते हैं।