भाई-बहन की हत्या मामला :दोस्ती का हुआ दुखद अंत,मित्रता तोड़ी और दूसरे को दोस्त बनाया,यहीं बना भाई-बहन के हत्या का कारण !
–पुलिस जांच में आई बात सामने, अर्पित नाम के युवक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर की पंडरा में भाई-बहन की हत्या,माँ को मरा समझ घर का दरवाजा अंदर बाहर से बंद कर हुए थे हो सभी फरार
राँची।झारखण्ड की राजधानी राँची के पंडरा ओपी क्षेत्र में जनक नगर में शनिवार 18 जून को हुए भाई-बहन हत्याकांड की गुत्थी राँची पुलिस ने लगभग सुलझा ली है। लेकिन अभी घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस को अनुसंधान में अबतक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार मृतक श्वेता के दोस्त अर्पित ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस उसे व उसके दोस्तो को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस को मृतक श्वेता के घर से कुछ महत्वपूर्ण सबूत मिले है जो यह साबित करते है कि उसी ने अपने दो साथियों के साथ आकर घटना को अंजाम दिया। बता दें नाबालिग श्वेता सिंह (17) और उसके भाई प्रवीण सिंह (14) की हत्या शनिवार की अहले सुबह 3.30 से 4.30 बजे के बीच मूसल से सिर पर मारकर की गई थी। वहीं नाबालिगों की माँ चंदा सिंह (40) के सिर पर भी कई बार मूसल से वार किए गए थे और चेहरे पर चाकू से कई बार वार कर गंभीर जख्म किए गए थे। लेकिन उनकी जान बच गई थी, अपराधी उन्हें मरा हुआ समझ छोड़ भाग निकले थे। फिलहाल चंदा देवी रिम्स में इलाजरत है। इस मामले में पंडरा ओपी प्रभारी का कहना है कि छापेमारी चल रही है जल्दी ही इस हत्याकांड में शामिल आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
दोस्ती टूटने के बाद गुस्से में था अर्पित, इसलिए की हत्या
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,पुलिस को अनुसंधान में जानकारी मिली है कि श्वेता से सबसे पहले दोस्ती अर्पित की ही हुई थी। दोनों की दोस्ती लंबे समय तक चली। लेकिन बीच में श्वेता ने उससे दोस्ती तोड़ ली। इसके बाद श्वेता की दोस्ती किसी दूसरे के साथ हो गई। श्वेता की किसी दूसरे के साथ दोस्ती अर्पित को बर्दाश्त नहीं हुई। इसे लेकर श्वेता व अर्पित में लंबे समय से अनबन चल रही थी। श्वेता को सबक सिखाने के लिए ही उसने ये पूरी प्लानिंग की। वह उसके घर के बारे में पूरी जानकारी रखता था कि उसकी माँ सुबह 3.30 बजे उठ जाती है। हर शनिवार को वह सुबह 4 से 4.30 बजे के बीच जनक नगर में ही कुछ दूर पर स्थित एक पीपल के पेड़ में पानी देने जाती है। उसे पता था कि सुबह घर में सिर्फ श्वेता और उसका भाई मिलेगा। इस लिए उसने अपने दो साथियों को साथ लिया और अहले सुबह उसके घर घटना को अंजाम देने पहुंच गया था। लेकिन उसे क्या पता था कि चंदा देवी भी घर में ही मिलेगी। सबसे पहले तीनों ने श्वेता को उसके घर में ही रखे मूसल से मार कर हत्या की। जब चंदा देवी और उसके भाई प्रवीण ने विरोध किया तो तीनों ने चंदा देवी पर भी हमला किया। प्रवीण को दूसरे कमरे में बांध दिया फिर उसपर भी हमला किया। जब उन्हें लगा कि तीनों मर गए तो दो आरोपी अंदर से दरवाजा बंद कर छत से पीछे की ओर से और एक आरोपी बाहर से दरवाजा बंद पीछे की ओर से भाग निकला।