भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ ने किया नामांकन दाखिल, बोले- जिन्होंने देश की बदली तकदीर, उन्हें ही फिर से है लाना….

 

राँची।भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ ने राँची लोकसभा से अपना नामांकन गुरुवार को दाखिल किया।नामांकन दाखिल करने से पहले जनसभा को संबोधित किया। जनसभा का आयोजन मोरहाबादी में किया गया। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। कार्यक्रम को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।लोग दूर दराज से चिलचिलाती धूप में जनसभा में शामिल होने पहुंचे थे।राँची के निर्वतमान सांसद सह बीजेपी के उम्मीदवार संजय सेठ ने वहां पर मौजूद लोगों से संबोधित करते हुए कहा कि जिन्होंने देश की तकदीर बदल दी, जिनके दिल मे राँची की जनता बसती है, उन्हें एक बार फिर लाना है।

संजय सेठ ने आगे कहा कि झारखण्ड की जनता ये गारंटी दे दिया है कि जहां मोदी की गारंटी है। वहीं, झारखण्ड की जनता की भी गारंटी रहेगी। झारखण्ड की सभी 14 सीटें पीएम मोदी की झोली में आएंगे। दुनिया में दो तरह के लोग हैं, जो मोदी को पसंद करते हैं और दूसरे वे जो पीएम मोदी को पसंद नहीं करते हैं।क्योंकि वह मोदी से डरते हैं। ये ऐसे लोग है जिन्हें न तो चुनाव आयोग पर विश्वास है, न ही सुप्रीम कोर्ट कोर्ट पर। ये बस गांधी परिवार पर विश्वास करते हैं। लेकिन जिस गांधी परिवार ने राम के निमंत्रण को ठुकराया उन्हें इस बार देश की जनता ठुकरायेगी।

आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने वहां पर मौजूद लोगों से पूछा कि देश की जनता उन्हें वोट देगी जो 10 साल से मेहनत कर रहे हैं या उसे वोट देगी जो इतने सालों से परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है? इन्होंने केवल अपना नाम बदला है।इनकी बारात तैयार है लेकिन दूल्हा का अता-पता नहीं।उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि संजय सेठ का मुकाबला किसी से नहीं है।उन्हें बस 42 डिग्री तापमान से मुकाबला करना है। क्योंकि इनके टक्कर में कोई है ही नहीं।

वहीं,नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपका जोश ऐसे ही 25 तारीख तक बना रहना चाहिए।वह कहते हैं कि मुझे नहीं लग रहा है कि यह नामांकन सभा है। ऐसा लग रहा है कि कोई मेला लगा हुआ है। हज़ारों लोग यहां जुटे हुए हैं। आज मैं यहां आप सभी से संजय जी के लिए समर्थन मांगने आया हूं। 2 घंटे की उपस्थिति में मैंने यह जान लिया है कि संजय सेठ भारी मतों से जीतकर आपके सांसद बनने वाले हैं।झारखण्ड की पहचान यहां की आदिवासी अस्मिता से होती है।एक ही समय में झारखण्ड और उत्तराखंड का गठन हुआ है।दोनों ही राज्यों की समानता भी एक ही है।पहले ये राज्य विकास से वंचित रह जाता था।लेकिन पीएम मोदी जी की सरकार में आदिवासी समाज का मान सम्मान और बढ़ा है।पीएम मोदी ने ही एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया है।

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