शुक्रवार के बवाल के बाद शनिवार को रांची में पसरा सन्नाटा, पुलिस सुरक्षा के बीच हुआ मृतकों का अंतिम संस्कार
रांची। रांची में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद शनिवार को रांची स्वतः बंद रही। रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू होने के बाद, माहौल ऐसा दिखा जैसे पूरे रांची में कर्फ्यू लगा हो। शुक्रवार को हुए उपद्रव और जमकर बवाल के बाद शनिवार को रांची पूरी तरह से शांत दिखी। हिंदू संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के बाद दुकानदारों ने स्वतः दुकानें बंद रखी। शहर में 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू थी, लेकिन जिस तरह से बंद था उसे देखकर लग रहा था कि पूरे रांची में कर्फ्यू लगा हुआ है। प्रशासन द्वारा रांची में करीब 3000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी। ताकि किसी तरह की भी हिंसा की घटना दोबारा ना हो। जवानों की तैनाती के बाद पूरी रांची शांत रही। सीसीटीवी और ड्रोन से पुलिस जगह-जगह पर नजर रखते दिखी। शनिवार को उपद्रव में मारे गए कैफ़ी उर्फ तौशिर और साहिल अंसारी का पुलिस सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। कैफ़ी का हिंदपीढ़ी स्थित बच्चा कब्रिस्तान में, वही साहिल को कांटाटोली स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया। साहिल का जब जनाजा कर्बला चौकी स्थित उसके आवास से निकला तो बड़ी संख्या में उसके साथ स्थानीय लोगों की भीड़ साथ मे थी। पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की उपस्थिति में जनाजा निकला। जिसे एसडीएम की उपस्थिति में कांटाटोली स्थित कब्रिस्तान पहुंचाया गया। करीब 3:30 बजे कांटा टोली स्थित कब्रिस्तान में साहिल की मिट्टी हुई। इसके बाद पुलिस की निगरानी में वहां से लोगों को कर्बला चौक भेजा गया।
डीआईजी और एसएसपी रखे हुए थे नजर
शनिवार को दिन भर डीआईजी अनीश गुप्ता और एसएसपी सुरेंद्र झा, सिटी एसपी अंशुमान कुमार कचहरी चौक स्थित कंट्रोल रूम से नजर रखते दिखे। रांची शहर में कहीं भी किसी भी तरह की हिंसा की घटना की कोई सूचना नहीं थी। हालांकि इंटरनेट बंद होने के बाद किसी भी तरह की अफवाह फैलाने की भी कोई गुंजाइश नहीं थी। शहर में रैफ की तैनाती की वजह से कहीं भी 5 लोगों से अधिक की भीड़ नहीं दिखी। जो गली मोहल्ले दिन भर गुलजार रहते थे वहां दिन में एक पंछी भी नहीं दिखा। इधर पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं दें। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।