तिहरे हत्याकांड:40 घंटे बाद चार किलोमीटर कंधे पर लादकर पुलिसकर्मियों ने ग्राम प्रधान और उनके बेटे-बहू का शव लाया,इलाके में पसरा है सन्नाटा
खूँटी।झारखण्ड के खूंटी जिले के अड़की में तिहरे हत्याकांड से सनसनी फल गई है।इस सनसनीखेज घटना से लोग दहशत में हैं,पुरुषों और महिलाओं ने गांव छोड़ दिया है।शुक्रवार को कोदेलेबे गांव में कोई पुरुष नहीं मिला।गांव में सिर्फ बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे दिखे, लेकिन कोई भी घटना को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इधर अतिनक्सल प्रभावित कोदेलेबे गांव के विकास से दूर होने और पुरुषों के गांव छोड़ देने से करीब 40 घंटे बाद पुलिसकर्मियों ने शवों को कंधे पर लादकर पहाड़ों के रास्ते चार किलोमीटर पैदल जाना पड़ा।वैसे पुलिस को इस ब्लाइंड ट्रिपल मर्डर को सुलझाने में मशक्कत करनी पड़ेगी।बहरहाल पुलिस हत्या की वजहों को तलाशने में जुटी है।इधर गांव वाले घटना को छिपाने के लिए प्रयास करते रहे।इसके लिए परिजनों को भी धमकाया गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ग्रामीण क्या छिपाना चाह रहे थे।
जिले के अड़की के कोदेलेबे गांव के ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा, उनके बेटे बुधराम मुंडा और बेटे की पत्नी मनी मुंडाइन की हत्या कर दी गई।उनके पोते छह साल के एतवा मुंडा को भी हत्यारों ने मारने की कोशिश की।लेकिन वो किसी तरह बच गया।इधर, घटना के 40 घंटे बाद पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए साथ ले गई। वहीं घायल बच्चे को अस्पताल भेजा।इधर, हत्या क्यों की गई इसे लेकर कोई भी कुछ नहीं बता रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है की उन्हें घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
बता दें कि कोदेलेबे गांव में एक ही परिवार के 3 लोगों की हत्या अलग-अलग जगह पर की गई। पहले ग्राम प्रधान को अलग ले जाकर मारा गया,फिर ग्राम प्रधान के बेटे और बहू की हत्या घर से 100 मीटर दूरी पर की गई।मृतक के घर पर इस समय रिश्तेदार हैं, लेकिन वो घटना के बारे में कुछ बता नहीं पा रहे हैं।
वहीं कुछ रिश्तेदारों ने डरे सहमे बताया कि लाठी,डंडे,पत्थर और धारदार हथियार से मारकर हत्या की गई है,लेकिन हत्या क्यों हुई ये उन्हें नहीं पता। हालांकि दबी जुबान में उन्होंने ये कहा कि हत्या के बाद कल और आज ग्राम सभा की बैठक हुई थी।अब मृतकों को दफनाने की तैयारी की जा रही है। इधर,गुरुवार को मीडिया में खबर आने के बाद शुक्रवार को खूंटी पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंची और शवों को कब्जे में लियाम वहीं घायल बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल भेजाम
घटना स्थल पर गए एक पत्रकार ने बताया कि अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र और दुर्गम रास्ते चलकर पुलिस की टीम घटनास्थल पहुंची थी। लेकिन जब शवों को घटनास्थल से पोस्टमार्टम के लिए ले जाना पड़ा तो पुलिस के पसीने छूट गए। जंगल और ऊंची पहाड़ियों के बीच खस्ताहाल रास्ते से होकर जवानों ने कंधों पर शव को ढोकर सड़क तक पहुंचाया। इधर इस पूरे मामले पर जहां ग्रामीण व परिजन चुप थे तो घटनास्थल पर पहुंची पुलिस भी कुछ बोलने को तैयार नहीं दिखी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि अनुसंधान के बाद कुछ कह पाएंगे।
विकास से कोसों दूर है गांव
खूँटी जिले के अड़की के कोदेलेबे गांव घोर नक्सल प्रभावित इलाका है और यह इलाका अब भी विकास से कोसों दूर हैं। इस गांव से सड़क तक जाने के लिए करीब 4 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और यही वजह है की शव को पुलिसकर्मियों ने कंधे पर टांगा और सड़क तक ले गए। जिससे ये समझा जा सकता है की आखिर ये इलाका कितना पिछड़ा हुआ है।
बता दें कि जिले के अड़की थाना क्षेत्र के मदहातु पंचायत के कोदेलेबे गांव में ग्राम प्रधान उनके बेटे और बहू की हत्या तेज धार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। घटना बुधवार रात लगभग 12 से 1 बजे की बताई जा रही हैम हालांकि डरे सहमे घरवालों और ग्रामीणों ने किसी को इसकी जानकारी काफी देर तक नहीं दी थी।बुधवार दिन भर लाश घर में ही पड़े रहेम मृतक ग्राम प्रधान के रिश्तेदारों ने बताया कि बुधवार रात को कुछ दबंगों ने घर मे घुसकर उसकी हत्या कर दी और हत्या को छिपाने के लिए गांव में दिन भर ग्राम सभा हुई। ग्राम सभा के लोगों ने मृतक के रिश्तेदारों और गांव के लोगों को डराया और धमकाया जिसके कारण हत्या की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई।