गैंगस्टर अनिल शर्मा को इलाज के लिए हजारीबाग से रिम्स राँची लाया…
राँची। झारखण्ड और बिहार के कुख्यात गैंगस्टर अनिल शर्मा को इलाज के लिए हजारीबाग से राँची के रिम्स लाया गया है।पिछले तीन दशक से आतंक का पर्याय बन चुके व हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राँची के गैंगस्टर अनिल शर्मा को कड़ी सुरक्षा के बीच हजारीबाग से रिम्स लाया गया है। हजारीबाग स्थित जेपी कारा में बुधवार की सुबह चार बजे के करीब सीने में दर्द हुआ था।कारा चिकित्सकों ने जांच के बाद हार्ट अटैक की आशंका को देखते हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वहां के कैदी वार्ड में उसका इलाज चल रहा था।इस बीच बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया है। रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के ओपीडी में चिकित्सक अनिल की गहन जांच कर रहे हैं।कार्डियोलोजी के डॉक्टर मृणाल गैंगस्टर अनिल शर्मा का ईलाज कर रहे हैं।
इलाज के दौरान रिम्स से फरार हो गया था
बता दें अपराधी भोमा सिंह की राँची सेंट्रल जेल के अंदर हत्या कर देने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बिहार और झारखण्ड के डाॅन अनिल शर्मा पुलिस अभिरक्षा में रिम्स से फरार हो गया था।उस समय अनिल शर्मा को प्रोडक्शन वारंट पर हाजीपुर जेल से राँची सेंट्रल जेल 24.2.2008 को लाया गया था। रीढ़ में दर्द और चक्कर आने की शिकायत पर मेडिकल बोर्ड की सलाह पर अनिल शर्मा को 10.5.2008 को दिन के 1 बजे रिम्स में भर्ती किया गया था। अनिल शर्मा की सुरक्षा के लिए हवलदार शियाराम कुंवर, सिपाही कृष्ण सिंह, सुखनाथ पांडेय, अजय सिंह, चंद्र मोहन गोप और मंगल सिंह पिंगुवा को तैनात किया गया था। अनिल शर्मा को डाॅ. सीबी सहाय की यूनिट में भर्ती कराया गया था। रिम्स अधीक्षक ने अनिल शर्मा को कमरा नंबर 22 आवंटित किया था। अनिल शर्मा के कमरे में बेधड़क, बिना रोक टोक के लोगों का मिलना-जुलना जारी था। अनिल शर्मा बेखौफ काॅरीडोर से लेकर अन्य जगहों पर घूमते रहता था। वह अपने कमरे में शराब और मोबाइल का भी इस्तेमाल करता था। जांच से खुलासा हुआ था कि 23 मई की रात अनिल शर्मा अपने सहयोगी कारू सिंह, सुनील शर्मा और कन्हाई सिंह की मदद से रिम्स से फरार हो गया था। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी काफी विलंब से उसके भाग जाने की सूचना बरियातू थाने में दी थी।जांच से खुलासा हुआ था कि सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी कैदी अनिल शर्मा से मिलकर एक सुनियोजित व सोची-समझी षडयंत्र के तहत झारखण्ड की सीमा से बाहर हो जाने के लिए सहयोग किया। जांच से यह भी खुलासा हुआ कि पुलिसकर्मियों को कैदी द्वारा ही खाना-पीना और अन्य सामान उपलब्ध कराए जाते थे। इस वारदात से राँची पुलिस की छवि धूमिल हुई थी।बता दें बाद में कई पुलिस कर्मी इस घटना के बाद बर्खास्त हुए थे। 1 जून 2008 को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए थे।उसके बाद लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद एक हवलदार और पांच पुलिसकर्मी हाईकोर्ट के आदेश पर पुन: 8 साल बाद राँची जिला पुलिस बल में बहाल हुए थे। नौकरी से बर्खास्त हवलदार शियाराम कुंवर, सिपाही मंगल सिंह पिंगुवा, अजय कुमार सिंह, सुखनाथ पांडेय, चंद्रमोहन गोप और कृष्ण कुमार सिंह शामिल थे।
बता दें राँची जेल में भोमा सिंह हत्याकांड में अनिल शर्मा सजायाफ्ता है।वह पिछले दो साल से केंद्रीय कारा हजारीबाग में सजा काट रहा है। इससे पहले उसे दुमका जेल से भारी सुरक्षा में हजारीबाग लाया गया था। उसे हाई सिक्योरिटी में रखा जाता है। गैंगस्टर पर जेल में रहते आपराधिक घटनाओं को अपने गुर्गों द्वारा अंजाम दिए जाने का आरोप लगने पर दुमका केंद्रीय कारा से उसे 2021 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में स्थानांतरित किया गया था।अनिल शर्मा 23 साल से जेल की सजा काट रहा है।