शिक्षक और उनके पिता की चालबाजी काम नहीं आया:छात्रा से दुष्कर्म और मरने की झूठी कहानी मामले में 14 साल की सजा मिली
बिहार के भागलपुर में चार साल पहले छात्रा से दुष्कर्म करने और सजा से बचने के लिए मुर्दा बन चिता पर लेटने वाले शिक्षक नीरज मोदी काे सप्तम एडीजे और पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश लवकुश कुमार के काेर्ट ने 14 साल की सजा सुनाई है। सोमवार काे सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई में नीरज काे काेर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना किया है जाे जमा नहीं करने पर उसे छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी हाेगी।छात्रा काे डालसा से तीन लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।बहस में सरकार की ओर से पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजन नरेश प्रसाद राम और जयकरण गुप्ता शामिल हुए। नीरज मोदी ने इससे पहले अक्टूबर में काेर्ट में सरेंडर किया था।चिता पर लेटा नीरज मोदी (फाइल फोटो)
क्या है मामला
जिले के पीरपैंती प्रखंड के इशीपुर बाराहाट के मधुरा सिमानपुर के शिक्षक नीरज मोदी पर 14 अक्टूबर, 2018 को रेप का केस छात्रा की माँ ने दर्ज कराया था। केस दर्ज हाेने के बाद नीरज मोदी ने सजा से बचने के लिए अपनी मौत की झूठी कहानी गढ़ी थी और अंतिम संस्कार का नाटक रचा था। इसकी फोटोग्राफी कराई और पिता के माध्यम से पॉक्सो काेर्ट में प्रस्तुत करा दिया था ताकि काेर्ट उसे मरा हुआ मान ले। इसके बाद वह भूमिगत हाे गया था। पुलिस ने नीरज मोदी काे मृत मान लिया था और काेर्ट ने इसका शपथ पत्र मिलने पर केस बंद कर दिया था। लेकिन पीड़िता की माँ ने इसका पर्दाफाश कर दिया। सजा से बचने में पिता ने दिया था बेटे का साथ
नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया
नीरज और उसके पिता की चालबाजी की जानकारी मिलने पर पीड़िता की माँ ने पीरपैंती के बीडीओ काे अर्जी देकर उनके कार्यालय से गलत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी दी। बीडीओ ने जांच कराई जिसमें फर्जी प्रमाणपत्र बनाने की बात सामने आई। 21 मई, 2022 को बीडीओ के निर्देश पर नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया और मृत्यु प्रमाण पत्र रद्द किया गया। इसके बाद पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश लवकुश कुमार ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी।