बरही मॉब लिंचिंग मामला: NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मृतक रूपेश के परिजनों से किये मुलाकात, डीसी एसपी संग की बैठक
हजारीबाग। झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बरही क्षेत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षक आयोग ( NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो रविवार को पहुंचे।यहां उन्होंने रुपेश कुमार पांडेय मौत मामले को लेकर डीसी-एसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। वहीं, कई लोगों से विस्तार से पूछताछ भी की। इसके बाद श्री कानूनगो ने कहा कि पूछताछ के आधार पर इसकी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को जल्द सौंपी जायेगी। रुपेश हत्याकांड मामले में NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के बरही पहुंचने पर उन्होंने डीसी आदित्य कुमार आनंद के अलावा एसपी मनोज कुमार चोथे, विशेष जांच दल के प्रमुख बरही एसडीपीओ मो नाजिर अख्तर, विशेष डीएसपी अमित कुमार सिंह, बरही अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रकाश ज्ञानी, पोस्टमार्टम करने वाले हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों के टीम के सदस्य डॉ अजय भेंगरा, डॉ संजीव हेंब्रम व डॉ मयंक प्रताप, जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभाकर खलको, बरही थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की।इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से रुपेश हत्याकांड से संबंधित हर पहलुओं पर जानकारी ली।
वहीं अधिकारियों से बात करने के बाद आयोग अध्यक्ष मृतक रुपेश के गांव पिपरघोघर नईटांड़ गये। यहां पहुंचने पर उन्होंने बंद कमरे में मृतक रुपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी, पिता सिकंदर पांडेय, चाचा अनिल पांडेय, बीरेंद्र पांडेय और रवींद्र पांडेय से बात की. वहीं, मृतक के मित्र राजवीर केसरी, हिमांशु यादव, दिवाकर चौधरी के अलावा दुलमुहा आगजनी कांड में गिरफ्तार सिंटू पासवान के पिता सरजू पासवान से भी बात की।
इस दौरान आयोग के अध्यक्ष मृतक रूपेश के परिजनों से अकेले में मिले।आयोग के अध्यक्ष के साथ आयी एक महिला अधिकारी सभी के बयान डायरी में दर्ज कर रही थी।वहीं, दरवाजे पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया था।जिसे बुलाया जाता था, केवल वे ही अंदर जाते थे. इसके अलावा किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। घर के बाहर लोगों की काफी भीड़ लगी थी।
जांच रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौपेंगे : प्रियंक कानूनगो
इस मौके पर NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पत्रकारों से बात करते कहा कि वे जांच रिपोर्ट जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार को सौपेंगे। साथ ही कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस, एसआईटी, डीसी, एसपी, रूपेश पांडेय को अस्पताल में देखने वाले डॉक्टर्स, उसके शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स, बाल कल्याण पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति, मृतक के माता-पिता, चाचा व मृतक के दोस्तों से बात की।साथ ही उन्होंने कहा कि रूपेश हत्याकांड की घटना व घटना के बाद के मामले में किसी गवाह और किसी बच्चों की प्रताड़ना ना हो, यह अधिकारियों से सुनिश्चित कराया जायेगा। यह भी बताया कि पीड़ित परिवार को आयोग सुरक्षा प्रदान करे, ताकि पीड़ित परिवार किसी डर और दबाव में नहीं आ सके।कहा कि मामले में कार्रवाई के क्रम में किशोर न्याय अधिनियम की भावना का ख्याल नहीं रखा गया।पुलिस ने रूपेश हत्याकांड के अभियुक्तों के विरुद्ध अभी तक फरार घोषित करने व कुरकी-जब्ती करने की कार्रवाई नहीं की है। कहा कि मृतक रूपेश पांडेय के कुछ दोस्तों के कुछ बयान संदिग्ध लग रहे हैं।
वहीं, आयोग के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मृतक रूपेश के परिजनों की मांग को आयोग की रिपोर्ट में शामिल किया जायेगा. बताया कि परिजनों ने इस हत्याकांड में शामिल लोगों की अविलंब गिरफ्तारी, मृतक परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करने एवं आगजनी कांड में निर्दोष लोगों को राहत की मांग की है. इधर, आयोग के अध्यक्ष के बरही आगमन को लेकर बरही एसडीओ पूनम कुजूर, सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो, बरही एसडीपीओ नाजिर अख्तर, बड़कागांव डीएसपी अमित कुमार सिंह, विष्णुगढ़ डीएसपी अनुज उरांव समेत पुलिस जवान मौजूद थे।