महिला ने पुलिस पर लगाया मारपीट करने का आरोप,पिटाई के क्रम में दो साल की बच्ची को भी आई चोटें,लड़की भागने के मामले में रात में छापेमारी करने पहुँची थी पुलिस
पोटका।झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम जिले में पूछताछ के नाम पर पुलिस ने एक महिला की इतनी पिटाई कर दी कि उसे अस्पताल जाना पड़ा। वहीं महिला जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका इलाज करने से मना कर दिया गया। महिला की पिटाई के क्रम में उसकी दो साल की बच्ची को भी चोटें आई हैं। बताया गया कि मामला पांच माह पहले परसुडीह थाना क्षेत्र के सरजामदा से लड़की के गायब होने से जुड़ा है।इस मामले पर रविवार रात के 11 बजे परसुडीह पुलिस एवं पोटका पुलिस द्वारा कलिकापुर में फूफा शैलेन्द्र भकत के घर शुक्रवार से रह रही शीला रानी बंधुक के साथ पुरुष एवं महिला पुलिस कर्मियों द्वारा बेरहमी से मारपीट की गई। महिला के साथ पिटाई के क्रम में दो साल की एक बच्ची को भी चोट आई है। शीला को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज करने से इंकार कर दिया अब परिजन काफी परेशान होकर इलाज के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं।
इधर महिला शीला रानी बंधूक ने कहा कि पिछले तीन साल पहले देवर महावीर बंधूक के साथ लड़की का संबंध था। वर्तमान में देवर मेरे घर पर ही रह रहा था। पोटका थाना क्षेत्र के कालिकापुर में रात को 11 बजे परसुडीह एवं पोटका थाना के पुलिसकर्मी लापता लड़की की तलाश करने पहुंचे। लगातार 5 घंटे तक पूछताछ एवं सर्च अभियान के बाद भी जब लड़की का पता नहीं चल पाया, तो महिला एवं पुरुष पुलिस कर्मियों लाठी से बेरहमी से मारपीट की। महिला के शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान हैं।वही पुलिस के मारपीट के क्रम में 2 साल की बच्ची को भी चोटें आई है।
महिला के अनुसार कि मैं पुलिस को कह रही थी कि अगर आपको किसी तरह का सबूत मिलता है तो मुझे जेल में डाल दीजिए मगर इस तरह से मारपीट मत करिए। मगर पुलिसकर्मियों ने उसका फोन भी छीन लिया। मारपीट से चोटिल शीला रानी की स्थिति काफी खराब है। अपने बच्चे को दूध भी नहीं पिला पा रही है।जब परिजनों द्वारा ईलाज को लेकर शीला रानी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोटका लाया गया जहां स्वास्थ कर्मियों ने ईलाज करने से किया इंकार उनका कहना है कि थाना से रिपोर्ट करा कर लाइये तभी होगा ईलाज।