माँ ने लोन नहीं चुकाया तो बेटे को बनाया बंधक,एक गिरफ्तार,माइक्रोफाइनेंस बैंक मैनेजर ने 14 दिन तक बच्चे से बर्तन धुलवाए, शराब की बोतलें उठवाईं

 

गढ़वा।झारखण्ड के गढ़वा जिले के भवनाथपुर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है,जहां माइक्रोफाइनेंस बैंक का लोन नहीं चुकाने पर एक महिला के 12 साल के बच्चे को बंधक बना लिया। बताया जा रहा है कि बैंक मैनेजर ने उससे जूठे बर्तन धुलवाए। बैंक में झाड़ू लगवाए और शराब के बोतलें भी फेंकवाई।बैंक कर्मचारियों ने बच्चे को 14 दिन यानी पूरे दो हफ्ते तक बंधक बनाए रखा। साथ ही बच्चे की माँ को धमकी भी दी कि अगर किसी से शिकायत की उसकी आंखें और किडनी निकाल के बेच देंगे।

बताया जा रहा है कि महिला ने दो साल पहले माइक्रो फाइनेंस बैंक से 40 हजार रुपए का लोन लिया था। 32 हजार चुका भी दिया। ब्याज मिलाकर महिला को 18 हजार और देने थे। जिसके लिए बैंक के लोग लगातार उस पर प्रेशर बना रहे थे।

इधर महिला की शिकायत पर बंशीधर नगर एसडीपीओ सतेंद्र सिंह और स्थानीय लोग बैंक पहुंचे और बच्चे को छुड़ाया गया। मामले में नाबालिग की माँ ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने ब्रांच मैनेजर निगम यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बैंक कर्मचारी उमाशंकर तिवारी के खिलाफ छापेमारी की जा रही है।

पीड़ित बच्चा भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहिणीया गांव निवासी संतोष राम का पुत्र है। श्री बंशीधर नगर के हेन्हों मोड़ के निकट संचालित सेटिंग माइक्रोफाइनेंस बैंक के मैनेजर ने उसे 14 दिनों तक बंधक बनाए रखा। स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद महिला ने किसी तरह 3 हजार रुपए देकर बच्चे को छुड़ाया।बैंक मैनेजर पर आरोप है कि उसने बच्चे से जूठे बर्तन भी साफ कराए। साथ ही शराब की बोतलें भी फेंकवाए जाते थे। इस दौरान उसकी मां ने बैंक पहुंचकर बैंक कर्मियों से अपने बच्चे को छोड़ने की गुहार लगाती रही, लेकिन बैंक कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी।

जब स्थानीय लोगों ने बैंक पहुंच कर नाबालिग को मुक्त करने का दबाव बनाया तो बैंक कर्मियों में हड़कंप मच गया। बैंक कर्मियों ने बच्चे की माँ से 3 हजार रुपए लेकर उसे छोड़ा। साथ ही बाकी पैसे चुकाने के लिए महिला से एक पेपर पर लिख कर साइन भी कराया।वहीं,गुरुवार शाम बैंक कर्मचारी से मुक्त होने के बाद महिला ने शुक्रवार को आशा देवी थाने पहुंच कर अपहरण का मामला दर्ज कराया।

दो साल पहले लिया था 40 हजार लोन

भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहनिया गांव के बैगही टोला निवासी आशा देवी ने बताया कि 2 साल पहले सेटिंग माइक्रोफाइनेंस कंपनी से 40 हजार का लोन लिए थे। जिसमें 32 हजार जमा कर दिए थे। इंटरेस्ट जोड़ कर 18 हजार रुपए बकाया था।इसी बीच 15 दिन पहले बैंक के कुछ लोग हमारे घर आए। उस समय वह घर पर नहीं थी। इस दौरान बच्चे को अकेला देखकर बैंक कर्मी निगम यादव ने जबरन मोटरसाइकिल में बैठकर श्री बंशीधर नगर ब्रांच ले गए।महिला का आरोप है कि उन लोगों ने धमकी भी दी कि इसकी शिकायत किसी से की तो बच्चे की किडनी और आंख निकाल के बेच देंगे। इस डर से महिला ने पहले किसी से शिकायत नहीं की।14वें दिन गुरुवार को अजीज होकर महिला ने बैंक के आसपास के लोगों से इसकी शिकायत की। इसके बाद स्थानीय लोग और पुलिस की मदद से बच्चे को मुक्त कराया गया।

बच्चा उत्क्रमित मध्य विद्यालय रोहिणीया के कक्षा 7क्लास छात्र है। नाबालिग बताया कि घर पर मैं और बड़ी दीदी थे। इसी बीच बैंक कर्मी निगम यादव आए और माँ को खोजने लगे माँ घर पर नहीं थी। गांव में माँ को खोजने के बहाने गाड़ी पर बैठकर श्री बंशीधर नगर हेनहो मोड़ के पास ब्रांच में ले गए। जहां बंधक बना लिया गया।उसने बताया कि एक सप्ताह तक तो ठीक से रहे, उसके बाद बैंक कर्मचारी उमाशंकर तिवारी मारपीट करने लगे, साथ ही गला भी दबाने लगे, कपड़ा साफ करने, बर्तन साफ करने के लिए बोलते थे और शराब पीने के बाद बोतल भी फेंकवाते थे।इतना ही नहीं धमकी दिया करते की पैसा नहीं जमा करवाओगे तो किडनी और आंख निकाल कर बेच देंगे। थाना प्रभारी कृष्ण कुमार से पूछे जाने पर बताया की लड़के की मां ने दो नामजद एवं एक अज्ञात के खिलाफ प्राथमिक दर्ज कराई है। प्राथमिक की दर्ज होने के बाद श्री बंशीधर नगर से निगम यादव को गिरफ्तार किया गया है।