फर्जी कागजात पर जमीन खरीद-बिक्री करने वाला न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल, रिमांड पर बुधवार को सुनवाई

राँची।मंगलवार को गिरफ्तार कारोबारी विष्णु अग्रवाल को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया।कड़ी सुरक्षा के बीच अग्रवाल को भी ईडी दफ्तर से कोर्ट लाया गया।कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत ने विष्णु अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है। जमीन घोटाले में गिरफ्तार विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए ईडी उन्हें रिमांड पर लेने वाली है।ईडी ने सात दिनों की रिमांड मांगी है।बुधवार को रिमांड की अवधि को लेकर अदालत में सुनवाई होगी। रिमांड मंजूर होने पर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से विष्णु अग्रवाल को ईडी दफ्तर लाया जाएगा, जहां उनसे जमीन घोटाले मामले में पूछताछ होगी।

झारखण्ड-बंगाल के बड़े जमीन कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से ईडी ने सोमवार को लंबी पूछताछ की थी, ईडी ने जांच में हैरान करने वाला तथ्य पाया था।ईडी के अधिकारियों के मुताबिक विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाले से लाभांवित होने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं।वहीं विष्णु अग्रवाल अपने प्रभाव से अफसरों से मनमर्जी का काम लेते थे ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन से जुड़े मामलों में विष्णु अग्रवाल ने कई बार आर्डर तक अपने दफ्तर में ही लिखवाया, इसके बाद टाइम की गई कॉपी पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर आदेश निकाले।ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि विष्णु अग्रवाल के दफ्तर में टाइप की गई कुछ ऑर्डर पर तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने भी हस्ताक्षर किए हैं।पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद विष्णु अग्रवाल को ईडी ने सोमवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया था ।

विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच में ईडी को काफी तथ्य मिले हैं। ईडी ने पाया है कि चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की खरीद फर्जी दस्तावेजों से हुई थी। इसके अलावे सेना की सिरमटोली की जमीन भी गलत दस्तावेज के आधार पर की गई थी।वहीं पुगड़ू में 9.30 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री में भी गलत दस्तावेजों का प्रयोग हुआ था। खासमहल जमीन के लिए पहले जहां जमीन मालिक आशीष कुमार गांगुली ने सरकार को लीज का आवेदन दिया था, वहीं बाद में इस जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से विष्णु अग्रवाल के पक्ष में कर दी गई। इस मामले में तत्कालीन सीओ, जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों से ईडी ने बीते एक सप्ताह में पूछताछ की थी।