चाचा चाची और भतीजा:चाची को भतीजे से हुआ इश्क,फिर गांव वाले ने चाची को भतीजा की दुल्हनियां बना दिया

डेस्क:

बिहार के शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के कुंडल गांव में सोमवार की शाम एक अनोखी शादी हुई।घटना तो तीन दिन पहले की है लेकिन इसकी चर्चा आजतक जारी है।चर्चा इसलिए है पढें पूरी खबर,बताया जा रहा है कि गांव में भरी पंचायत में टार्च की रोशनी में बबलू कुमार ने शीला देवी के मांग में सिंदूर डाला। वहीं अग्नि की बजाए पंचायत को साक्षी मानकर सात जनम तक साथ निभाने की शपथ ली। वहीं हाथ उठाकर शादी की रजामंदी दी। इस अनोखी शादी को देखने के लिये लोगों की भारी भीड़ रही। उल्लेखनीय हैं कि, शीला देवी, रिश्ते में बबलू की चाची है। शादी के बाद अब वह बबलू की पत्नी बन गई है।बताते चलें कि, कुंडल निवासी राम विनय सहनी की शादी सात साल पूर्व शीला देवी के साथ हुई थी। दो साल बाद शीला ने बेटे को जन्म दिया। राम विनय सहनी परदेस में मजदूरी करता है। वह समय-समय पर गांव आता है। उसकी अनुपस्थिति में राम विनय सहनी के भतीजे बबलू कुमार का अपनी चाची शीला देवी के साथ इश्क हो गया। वक्त गुजरने के साथ ही इश्क परवान चढ़ा। बबलू कुमार अक्सर, शीला को लेकर कभी शिवहर, कभी सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर ले जाने लगा। दोनों कई-कई दिन तक गायब रहने लगे। धीरे-धीरे गांव में इसकी चर्चा होने लगी। इसी बीच बबलू और शीला फिर गायब हो गए। दोनों जब वापस लौटे तो ग्रामीणों ने दबोच लिया। साथ ही पंचायत बैठाया। भरी पंचायत में शीला ने बबलू के साथ प्रेम प्रसंग की जानकारी दी।

बबलू के साथ शादी करने की बात कही

ग्रामीणों ने बबलू कुमार से जब पूछा तो उसने भी रजामंदी दी। इसके बाद पंचों ने शीला देवी के ससुर व बबलू कुमार के पिता बृजेश साहनी समेत परिजनों से बात की। सभी पक्ष की सहमति मिलते ही बीते सोमवार की शाम पंचायत में भी बबलू और शीला की शादी का फैसला सुनाया। और पंचायत में ही बबलू ने टार्च की रोशनी के बीच शीला देवी के मांग में सिंदूर डाला। और अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। मौके पर समाजसेवी,जनप्रतिनिधियों के अलावा सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

चाची के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ाने के बाद शादी कराया

बताया गया कि चाची के साथ वर्षों से इश्क फरमा रहे युवक की चोरी पकड़ी गई और ग्रामीणों ने पंचायत बैठाकर बबलू कुमार की शादी चाची से ही करा दी। बीते सोमवार की देर रात टार्च की रोशनी में बबलू कुमार ने चाची की मांग में सिंदूर डाला। वहीं बबलू और शीला ने भरी पंचायत में हाथ उठाकर एक साथ रहने की कसम खाई। बबलू और शीला की प्रेम कहानी के चर्चे गांव के अलावा दूसरे गांव में खूब हो रहे है।