ऐतिहासिक मुड़मा जतरा के जमीन पर कब्जा की कोशिश, आदिवासी समाज ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
राँची। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दिनांक 16 अगस्त 2021 को ऐतिहासिक राजी पाड़हा जतरा समिति मुड़मा, राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ, वीर बुधु भगत हुई मोर्चा, आदिवासी संयुक्त मोर्चा, आदिवासी सेना के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक मुड़मा जतरा स्थल पर छेड़छाड़ को लेकर उपायुक्त तथा वरीय आरक्षी अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया। विदित हो कि कुछ दिन पूर्व कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मुड़मा जतरा स्थल परिक्रमा मार्ग को अवरुद्ध करने का साजिश किया जा रहा है, जिससे आक्रोशित आदिवासी समाज लगभग 5000 की संख्या में कोरोना के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए ज्ञापन सौंपा गया।
राँची जिला के आसपास के प्रखंडों से हजारों की संख्या में अपने ऐतिहासिक जतरा स्थल मुड़मा को बचाने के लिए हरमू देशवली सरना स्थल पर एकत्रित हुए। इसके पश्चात दो लाइनों में 3 किलोमीटर की लम्बी कतार में अनुशासन पूर्वक राँची समाहरणालय के कूच किए।
जिला प्रशासन द्वारा इस पदयात्रा पर निकले सर्व समाज लोगों को राज्यपाल राजभवन के समीप रोक दिया गया तत्पश्चात प्रशासन की अनुमति पर 25 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को उपायुक्त को ज्ञापन देने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। समाहरणालय परिसर पहुंचने पर उपायुक्त के कार्यालय प्रकोष्ठ में केवल 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल को अनुमति दिए जाने पर समाज के लोग आक्रोशित हो उठे तत्पश्चात उपायुक्त द्वारा कार्यालय प्रकोष्ठ से बाहर आकर सामाजिक अगुवाओं के साथ वार्ता की तथा ज्ञापन स्वीकार किया।
वार्ता में निर्णय लिया गया कि संबंधित अंचल अधिकारी के उपस्थिति में दोनों समुदाय की बैठक दिनांक 17 अगस्त 2021 को आहूत की जाएगी। वार्ता के क्रम में शिष्टमंडल द्वारा उपायुक्त को अवगत कराया कि जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मुड़मा जतरा स्थल को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जाता है तो 20 अगस्त को पचास हजार से अधिक की संख्या में सरना आदिवासी समाज के लोग ऐतिहासिक जतरा स्थल मुड़मा में जमा होंगे और सीधी कार्रवाई करेंगे, जिसकी पूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।
शिष्टमंडल में मुख्य रूप से जगराम उरांव, राजेश खलखो, रवि तिग्गा, नारायण उरांव, चारे भगत, अमर उरांव, सुशील उरांव, प्रभात तिर्की, प्रदीप तिर्की, बलकू उरांव, शिवा कच्छप, अनिल उरांव, बिहारी उरांव, रेणु तिर्की, जयंती उरांव, हेमंत गाड़ी, सूरज खलखो, सुखदेव उरांव, पुनई उरांव, अजीत भुटकुमार, विरेन्द्र उरांव, झर्री लिंडा, संजय कुजुर, रंथू उरांव, ब्रजकिशोर बेदिया उपस्थित थे