Ranchi:चोरी के जुर्म में अपराध स्वीकारने के लिए 3 दिनों तक हॉकर को थाना में रखकर पीटता रहा दरोगा, सांसे अटकी तो रिम्स पहुंचाकर फरार हो गई पुलिस,सिटी एसपी ने कहा मामले की जांच की जा रही है
राँची।राजधानी राँची के जगन्नाथपुर थाने में एक हाॅकर से जबरन अपराध स्वीकार करवाने के लिए दराेगा ने सारी हदे पार कर दी।बताया जा रहा है कि 3 दिनाें तक हाॅकर काे थाने में रखकर दराेगा ने इतनी पीटाई कर दी कि गुरूवार काे उसकी सांसे थमने लगी। इसके बाद जगन्नाथपुर थाने की पुलिस उसे आनन-फानन में लेकर रिम्स पहुँची और इमर्जेंसी में छाेड़कर वहां से फरार हाे गई। पीड़ित हाॅकर का नाम संदीप राम है और वह जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र स्थित बरझाेपड़ी लाईटहाउस का रहने वाला है।पीड़ित हॉकर ने बताया कि उसे 11 सितंबर की रात लगभग 11:30 बजे सिंहमाेड़ स्थित टाेकरी माॅल नामक दुकान में चाेरी करने के आरोप में घर से उठाकर जगन्नाथपुर थाना लाया गया था। थाना प्रभारी ने उससे पूछताछ करनी शुरू की। चाेरी की घटना में अपनी संलिप्तता से इंकार किया ताे दराेगा अंकुश ने थानेदार के सामने ही उसकी पीटाई करनी शुरू की। पीटाई करने के बाद दराेगा अंकुश उसे अलग एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। वहां 3 दिनों तक उसे रखा। इस दाैरान अंकुश काे जबतब कमरा में पहुंचता था अाैर पूछताछ करते हुए अपराध स्वीकारने की बात कहते हुए पीटाई करने लगता था। 3 दिनाें तक जब अपराध नहीं स्वीकार किया ताे उसे थाने से छाेड़ दिया गया। इसके बाद 15 सितंबर काे एक कागज में हस्ताक्षर करने की बात कहते हुए दुबारा उसे थाना बुलाया गया। थाना जाने पर अंकुश ने फिर से पीटाई करनी शुरू कर दी। पुलिस की पीटाई से हाॅकर का जब 16 सितंबर काे सांसे रूकने लगी ताे अानन-फानन में उसे डाेरंडा अस्पताल ले जाया गया जहां से डाॅक्टराें ने बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया। रिम्स इमर्जेंसी में छाेड़कर पुलिस वहां से भाग गई जिसके बाद पीड़ित हाॅकर के परिजनाें ने इलाज कराया।
माँ के सामने कमरा में पीटाई कर रहा था दराेगा, हाथ जाेड़कर छाेड़ने की लगाई गुहार ताे थाना से भगाया
पीड़ित हाॅकर की माँ गीता देवी ने बताई कि दराेगा अंकुश आंखों के सामने ही हमारे बेटे काे पीट रहे थे। इस दाैरान थाना प्रभारी भी वहां माैजूद थे लेकिन काेई राेक-टाेक नहीं कर रहे थे। पुलिस की पीटाई से बेटा चिल्लाने लगा ताे वह छाेड़ देने की गुहार लगाते हुए पुलिस के समक्ष हाथ जाेड़कर खड़ी हाे गई। हालांकि इसके बाद भी पुलिस काे रहम नहीं अाया अाैर उसे डांटते हुए थाना परिसर से बाहर भगा दिया। काफी देर बाद तक वह थाना परिसर के बाहर ही खड़ी रही। इसके बाद जब संदीप की तबीयत खराब हुई ताे उसे लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची। पीछे-पीछे वे लाेग भी अस्पताल पहुंचे जिसके बाद संदीप का इलाज कराया।
अपराध स्वीकार के लिए एक लाख का दे रहा था लालच, नहीं स्वीकारने पर नाैकरी फंसने की बात कह करता था पिटाई
पीड़ित हाॅकर ने बताय कि दराेगा अंकुश अपराध स्वीकार के लिए उसे एक लाख रुपया देने का लालच दे रहा था। पैसा का लालच दिए जाने के बाद भी जब वह कहा कि चाेरी की घटना में उसकी काेई संलिप्तता नहीं है ताे वह कहने लगता था कि एेसे में ताे उसकी नाैकरी फंस जाएगी। अपराध नहीं स्वीकार पर खूद का नाैकरी फंसने की बात कहते दराेगा अंकुश उसे मारपीट करने लगता था।
दराेगा अपने सहकर्मी के साथ मिलकर चीरता था पैर, शरीर पर चढ़ जाता था मुसड़डंड जवान
पीड़ित हाॅकर ने बताया कि पीटाई का उसके शरीर पर काेई जख्म का निशान नहीं हाे, इसका भी दराेगा खूब ख्याल रखता था। यही वजह है कि वह कभी उसका सिर का बाल कबाड़ता था ताे कभी अपने सहकर्मियाें के साथ मिलकर दाेनाें पैर काे चीरता था। जब जाेर-जाेर से चिल्लाने लगता था ताे थाेड़ी देर के लिए छाेड़ देता था। बदहवास स्थिति में जब इसके मुंह से अावाज भी निकलना मुस्किल हाेने लगता था ताे 2 मुसड़डंड जवान इसके टखने पर चढ़ जाते थे अाैर अपराध स्विकार करने की बात कहते थे। हालांकि वह चाेरी नहीं कहने की बात कहते हुए लगातार पुलिसकर्मियाें से खूद काे छाेड़ देने की बात कहता था।
फिलहाल किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है। पत्रकाराें के माध्यम से घटना की जानकारी मिली है। मामला संज्ञान में लिया गया है।घटना की जांच हटिया एएसपी कर रहे है।आरोप में सच्चाई पाया जाएगा ताे जाे लाेग भी दाेषी हाेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।–
साैरभ, सिटी एसपी राँची।