बैलून सरदार सहित तीन नक्सली एरिया कमांडर ने किया झारखण्ड पुलिस के समझ आत्मसमर्पण
राँची।भाकपा माओवादी संगठन के तीन हार्डकोर नक्सलियों बैलून सरदार,सूरज सरदार और गीता मुंडा ने सोमवार को राँची में झारखण्ड पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। ये सभी माओवादियों की केंद्रीय कमेटी सदस्य एक करोड़ के इनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी दस्ते में शामिल थे।इस सम्बंध में झारखण्ड के पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) एवी होमकर ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं।राज्य पुलिस का लक्ष्य है कि हिंसा की राह पर भटके हुए लोग वापस लौट आएं। आत्मसमर्पण करने वाले बैलून सरदार पर नक्सली वारदात के 12 मामले दर्ज हैं,जबकि सूरज सरदार 9 और गीता मुंडा 7 मामले दर्ज है। इस मौके पर डीआईजी पंकज कंबोज, कोल्हान क्षेत्र के डीआईजी असीम विक्रांत मिंज और झारखण्ड जगुआर के डीआईजी अनूप बिरथरे सहित कई पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
बैलून ने कहा पार्टी से मदद मांगी तो नहीं मिला, होता है शोषण
बैलून सरदार ने बताया कि दस्ते ने गांव के ही दो लोगों की पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या कर दी थी। जिस वजह से इन लोगों का संगठन से मोहभंग होने लगा। वहीं जब पुलिस उसके घर की कुर्की की तो पार्टी ने कोई मदद नहीं की। साथ ही पुलिस की ओर से लगातार दबिश बनाने और बैलून सरदार के घर कुर्की की गई, जिसके कारण इनका घर परिवार पूरी तरह से टूट गया। दस्ता उल्टा ही पुलिस का भय दिखाकर शोषण करता रहा। इस दौरान पुलिस द्वारा इन नक्सलियों के परिवार से संपर्क कर आत्मसमर्पण नीति के बारे में बताया और आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया गया। बैलून ने बताया कि दस्ते में रहने वाली लड़कियों को शोषण होता है।
बैलुन पर 12, सूरज पर 9 और रायमुनी के विरुद्ध सात मामले है दर्ज
सरेंडर करने वाले तीनों नक्सलियों के विरुद्ध अलग अलग थानों में कई मामले दर्ज है। बैलुन सरदार पर सरायकेला खरसंवा जिले में 12, सूरज सरदार के विरुद्ध नौ और रायमुनी कुमारी के विरुद्ध सात मामले दर्ज है। इसमें ज्यादातर हत्या, हत्या के प्रयास, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट और 17 सीएलए एक्ट की धाराओं के तहत मामले दर्ज है।