बांका के तिलडीहा शक्तिपीठ में इस बार हजारों पाठा की बलि दी गई,बलि के दौरान भगदड़,कई लोग घायल, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
बिहार के बांका जिले में स्थित तिलहीहा शक्तिपीठ में इस बार हजारों की पाठा की बलि दी गई।बलि के दौरान भगदड़ मच गयी।इसमें कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में अष्ठमी से ही पूरी रात श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा और बलि के इक्कठा थी।हर वर्ष की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।कल दोपहर यानी बुधवार दो बजे तक मंदिर में 10 हजार पाटा बलि दी जा चूकि थी।इस दौरान बलि देने के लिए भीड़ में अफरा-तफरी मची। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। जब स्थिति नहीं संभली तो लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मंदिर में लाठीचार्ज करना पड़ा।सूचना मिलते ही, जिले के डीएम अंशुल कुमार, एसपी डॉ. सत्यप्रकाश आधी मौके पर पहुँचे थे।
मंदिर प्रशासन के अनुसार बुधवार को मंदिर में 17 हजार बलि चढ़ाने के लिए आधिकारिक रसीद कटाई गयी है।कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष से नवरात्रि में केवल पूजा का कार्यक्रम सरकारी आदेश के तहत आयोजित किया गया। इस वर्ष जब लोगों को मौका मिला तो अपनी मन्नत के अनुरूप लोग पाठा बलि देने के लिए पहुंच गए। बताया जा रहा है कि बलि पूरी रात चली है। इसी बीच किसी कारण को लेकर लोगों में भगदड़ मची।हालांकि पूरे मामले में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। बुधवार की दोपहर तक मंदिर परिसर में डीएम और एसपी मौजूद थे।
मंदिर प्रांगण के बाहर हुई भगदड़: एडीएम
मामले में एडीएम सह तिलडीहा मेला प्रभारी माधव कुमार ने बताया कि मंदिर में महाअष्टमी से भक्तों की भारी भीड़ जुट गई थी।मगर इसके बीच महानवमी की रात को मंदिर प्रांगण से बाहर बगीचे में हुई है।स्थिति पूरी तरह से प्रशासन के कंट्रोल में है। उन्होंने बताया कि बुधवार दोपहर तक मंदिर में 10 हजार से ज्यादा पाठा की बलि दी जा चूकी है।विधि व्यवस्था के लिए प्रशासन सक्रिय हैं।लोगों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है।अनुमान है कि देर शाम तक बलि और पूजा शांतिपूर्ण संपन्न हो की गई।मंदिर परिसर के बाहर भी बलि की व्यवस्था की गयी थी लेकिन बाहर बलि कोई नहीं दिलवाना चाहता था।