पलामू:गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी तक पहुंचना था हथियार,रास्ते में पकड़ा गया,मध्य प्रदेश के इंदौर से लाखों में खरीदे गए थे पिस्टल और गोली…..
पलामू।कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गिरोह के खिलाफ पलामू पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सुजीत सिन्हा गिरोह के हथियारों का जखीरा पलामू में पकड़ा गया है,जिसमें आठ सेमी ऑटोमैटिक 7.65 एमएम का पिस्टल है और 20 गोली शामिल हैं।हथियारों के साथ गिरफ्तार तस्कर मनीष कुमार राम उर्फ मयंक वर्मा पलामू के पाटन का रहने वाला है।
मयंक वर्मा ही सुजीत सिन्हा गिरोह को हथियार मुहैया करवाता है।मयंक को कुछ महीने पहले राँची में एटीएस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल से निकलने के बाद वो सुजीत सिन्हा के लिए लंबे समय से काम कर रहा है।दरअसल, पलामू पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सुजीत सिन्हा गिरोह के हथियार इंदौर से छत्तीसगढ़ होते हुए पलामू के इलाके में आ रहा है।इसी सूचना के आलोक में पलामू पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने सटीक सूचना पर रेहला थाना क्षेत्र में एक यात्री बस में सर्च अभियान चलाया।इस सर्च अभियान के क्रम में बस से उतर कर एक यात्री भागने लगा, पुलिस ने दौड़ा कर उसे पकड़ा।पकड़े गए व्यक्ति की पहचान मनीष कुमार राम उर्फ मयंक वर्मा के रूप में हुई। मयंक वर्मा के पास से आठ पिस्टल और 20 गोली बरामद हुआ है।
इस मामले में पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने बताया कि गिरफ्तार मयंक वर्मा पर राँची के चार अलग अलग थानों में एफआईआर दर्ज है.।वह जेल गया था, फरवरी 2023 में जेल से बाहर निकला है। मयंक सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा के बॉडीगार्ड का काम करता था।
गिरफ्तार मनीष कुमार राम उर्फ मयंक वर्मा ने पुलिस को कई बड़ी जानकारी दी है।मयंक ने पुलिस को बताया है कि हथियारों का यह जखीरा सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा तक जाना था। उसके बाद राँची और पलामू में मौजूद सुजीत सिन्हा के गुर्गों को यह हथियार दिया जाना था।सुजीत सिन्हा गिरोह ने राँची और पलामू के इलाके में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की योजना तैयार की है। बरामद हथियार इन्ही आपराधिक घटनाओं में इस्तेमाल किया जाना था।
सुजीत सिन्हा फिलहाल झारखण्ड के खूंटी जेल में बंद है। सुजीत सिन्हा के जेल जाने के बाद पत्नी रिया सिन्हा ने गिरोह की कमान को संभाला है। रिया सिन्हा गिरोह को नए सिरे से खड़ा करना चाहती है।हाल के दिनों ने पलामू पुलिस ने सुजीत सिन्हा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी।जिसमें सुजीत सिन्हा का भाई अरुण कुमार सिन्हा पकड़ा गया था। अरुण सिन्हा छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहता था।इससे पहले सुजीत का एक गुर्गा पकड़ा गया था। गिरफ्तार गुर्गा सुजीत सिन्हा के लिए रंगदारी की रकम को इकट्ठा करता था।